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भारतमाला प्रोजेक्ट क्या है? भारत माला प्रोजेक्ट के द्वारा बनाए जा रहे हैं इकोनामिक कॉरिडोर से क्या लाभ होगा? भारत माला प्रोजेक्ट किन राज्यों से होकर जाएगी? भारतमाला परियोजना कहां से कहां तक है? भारतमाला परियोजना की शुरुआत कब हुई ?भारतमाला परियोजना से भारत का कौन सा इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र संबंधित है? भारत माला प्रोजेक्ट विभिन्न राज्यों में किस प्रकार से है?
Nilam Singh Vinayiasacademy.com
भारत माला प्रोजेक्ट एक राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना है. इसके द्वारा नए राज्य मार्ग भी बनाए जाएंगे और पुरानी परियोजना को भी पूरा किया जाएगा .इसमें भारत के सभी बंदरगाह और सड़क को जोड़ा जाएगा. नेशनल कॉरिडोर को भी बेहतर बनाया जाएगा. इसके द्वारा चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ ,यमुनोत्री और गंगोत्री के बीच बेहतर सुविधा की जाएगी .यह परियोजना 1998 में अटल बिहारी वाजपेई सरकार के द्वारा लांच किया गया था. यह परियोजना गुजरात और राजस्थान से शुरू होकर पंजाब तक और फिर जम्मू कश्मीर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश ,बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र पश्चिम बंगाल, सिक्किम ,असम, अरुणाचल प्रदेश ,मणिपुर, मिजोरम एवं भारत – myanmar मार्ग की सीमा तक जाएगी .जंगल क्षेत्र में भी दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्र में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. भारत माला प्रोजेक्ट में राजमार्ग की कुल लंबाई 51000 किलोमीटर होगी .इसमें 5.5 खरब रुपया खर्च होगा. यह परियोजना कई चरण में होगी. पहले चरण के लिए नई सड़क की कुल लंबाई 24800 किलोमीटर होगी एवं शेष 10000 किलोमीटर नेशनल हाईवे के तहत बनाई जाएगी. 2017 तक राजमार्ग क्षेत्र में 30 किलोमीटर प्रतिदिन का काम चल रहा है .पहला चरण 2022 तक पूरा हो जाएगा .इसमें आर्थिक corridor, अंतर गलियारे और फीडर मार्ग राष्ट्रीय कॉरिडोर , कार्यक्रम सीमा और अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी सड़क की और बंदरगाह कनेक्टिविटी सड़क एवं एक्सप्रेसवे शामिल होगा.
भारत माला प्रोजेक्ट के पहले चरण में 550 जिले को कवर किया गया है. 34 जिला में सड़कों की लिंक बढ़ाई गई है. 35 शहर में लॉजिस्टिक पार्क स्थापित किया गया है .इसकी शुरुआत गुजरात और राजस्थान से हो रही है .इसके बाद अन्य राज्यों में जाएगी. 700 जगह पर सड़क के किनारे यात्री सुविधा, रोडसाइड एमेनिटीज का निर्माण होगा .44 नए आर्थिक कॉरिडोर बनाए गए हैं. दिल्ली-लखनऊ, अमृतसर- जामनगर, आगरा- मुंबई ,अमृतसर से अन्य शहर, रायपुर- धनबाद, लुधियाना- अजमेर, संबलपुर -रांची, kharagpur- सिलीगुड़ी, सागर- वाराणसी, दिल्ली- कानपुर, सागर- लखनऊ, जयपुर -इंदौर प्रमुख केंद्र बिंदु है. इस प्रोग्राम के अंतर्गत प्रमुख शहर में रिंग रोड का निर्माण होगा. जिसमें दिल्ली- गुरुग्राम, नोएडा -आगरा, लखनऊ- वाराणसी, पटना रांची धनबाद इंदौर और जयपुर के नाम शामिल है .सात एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा .जिसमें दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे ,दिल्ली अमृतसर कटरा एक्सप्रेसवे, दिल्ली जयपुर एक्सप्रेसवे, कानपुर लखनऊ एक्सप्रेसवे,

वर्तमान में भारत माला प्रोजेक्ट चर्चा में क्यों-
छत्तीसगढ़ की पहली फोरलेन सुरंग बस्तर के केशकाल वन क्षेत्र में बनाई जाएगी .भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक बनने वाले एक्सप्रेस वे का काम 2022 में शुरू होगा. इकोनामिक कॉरिडोर के तहत विकसित किए जा रहे इस एक्सप्रेस वे पर छत्तीसगढ़ की पहली सुरंग भी होगी .keshwali सुरंग kesh काल की पहाड़ी से होकर गुजरेगी .इसके बाद उड़ीसा में भी इस मार्ग पर दो और सुरंग बनाई जा रही है. रायपुर के पास abhaypur से शुरू होकर यह एक्सप्रेस वे हाईवे आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम मेंsabbavram तक बनाई जाएगी .इस मार्ग पर केशकाल की वालुर घाटी पड़ेगा. इसके बनने से 200 किलोमीटर की बचत होगी और खर्च भी कम होगा .ग्रीनफील्ड इकोनामिक कॉरिडोर के इस एक्सप्रेस-वे को 19 पैकेज में पूरा किया जाएगा .जिसमें 3 छत्तीसगढ़ में ,11 उड़ीसा में पांच आंध्र प्रदेश में शामिल है


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