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लोकप्रशासन

लोक प्रशासन:-

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लोक प्रशासन का अर्थ और विस्तार meaning and scope of public

administration लोक प्रशासन प्रशासन की एक अधिक व्यापक अवधारणा का ही एक पहलू है इसलिए लोक प्रशासन का अर्थ समझने से पहले यह आवश्यक है कि हम प्रशासन शब्द का अर्थ पहले समझे। Administer प्रशासन करना दो लातिनी शब्द ad और minister के मेल से निकलता है जिसका अर्थ है सेवा करना या प्रबंधित करना प्रशासन का शाब्दिक अर्थ है सार्वजनिक मामलों का प्रबंधन।

प्रशासन की परिभाषा:- Administration definition प्रशासन की अवधारणा को विभिन्न विद्वानों ने तरह-तरह से प्रभावित किया है

ई.एन.ग्लैडेन:- प्रशासन एक लंबा और थोड़ा आडंबर फुल शब्द है लेकिन इसका सीधा साधा अर्थ है मामलों का प्रबंध करना लोगों की देखभाल करना या उनका ध्यान रखना यह एक निर्धारित उद्देश्य को पूरा करने के लिए किया गया सुनिश्चित कार्य होता है। जॉन ए.वीग :- प्रशासन एक निर्धारित उद्देश्य को पूरा करने के लिए किए जाने वाले सुनिश्चित कार्य है यह उन घटनाओं को घटित होने की स्थितियां पैदा करने जिन्हें हम घटित होने देना चाहते हैं और उन घटनाओं को रोकने जो हमारे आकांक्षाओं के विपरीत है के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए मामलों की योजनाबद्ध व्यवस्था और संसाधनों को नियोजित प्रयोग है या ऊर्जा समय और धन के मामलों में न्यूनतम लगाता पर वंचित उद्देश्य प्राप्त करने के लिए उपलब्ध श्रम और सामग्रियों की व्यवस्था है।

फेलिक्स ए निग्रो :- के अनुसार किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लोगों और सामग्रियाँ के संगठन और उपयोग को प्रशासन कहते हैं।
हरबर्ट ए साइमन :- अपने व्यापकतमअर्थ में प्रशासन को सम्मान लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आपसी सहयोग से काम करते समूह की गतिविधियों के रूप में परिभाषित किया जा सकता

फिफनर ने कहा है :- कि प्रशासन वांछित लक्ष्य को हासिल करने के लिए किया जाने वाला मानव और भौतिक संसाधनों का संगठन और निर्देशन है।
एल.डी. व्हाइट :- प्रशासन की कला किसी लक्ष्य उद्देश्य को हासिल करने के लिए अनेक व्यक्तियों के कार्य का निर्देशन समन्वय और नियंत्रण है

लूथर गुलिक:- प्रशासन का सरोकार निर्धारित उद्देश्यों की पूर्ति के साथ काम करना है।

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ऊपर बताई परिभाषा से यह स्पष्ट है कि प्रशासन के 2 मूलभूत घटक है पहला सामूहिक प्रयास और दूसरा समान लक्ष्य।इस प्रकार प्रशासन का अर्थ होता है एक सम्मानीय लक्ष्य को पूरा करने के लिए लोगों के एक समूह का सामूहिक प्रयास। प्रशासन एक सर्व भौमिक प्रक्रिया है जो विविधतापूर्ण संस्थागत व्यवस्थापनों में काम करती है। अपने संस्थागत व्यवस्थापनों के आधार पर प्रशासन को लोक प्रशासन और व्यक्तितक प्रशासन में बांटा जाता है। लोक प्रशासन सरकारी व्यवस्थापन प्रशासन है जबकि व्यक्तिक प्रशासन गैर सरकारी व्यवस्थापन/व्यापारीक व्यापारिक उद्यम है।

• लोक प्रशासन की परिभाषा :- Vinaylasacademy.com लोक प्रशासन (Public administration) मोटे तौर पर शासकीय नीति (government policy) के विभिन्न पहलुओं का विकास, उन पर अमल एवं उनका अध्ययन है। प्रशासन का वह भाग जो सामान्य जनता के लाभ के लिये होता है, लोकप्रशासन कहलाता है। लोकप्रशासन का संबंध सामान्य नीतियों अथवा सार्वजनिक नीतियों से होता है।

लोक प्रशासन का महत्व

आधुनिक युग में प्रशासन की बढती गतिविधियों न इसका महत्व एक शास्त्र और क्रिया दोनों रूपों में बढाया है । प्रशासन का महत्व प्राचीन काल में भी था जब समाजीकरण की प्रक्रिया के एक अन्तर्निहित तत्व के रूप में प्रशासन की संस्थापना और विकास होता रहा ।
विकसित होते समाजों की एक अनिवार्य आवश्यकता सुव्यवस्थित प्रशासन और उसमें निरन्तर वृद्धि की होती है। यह वृद्धि एक सीमा तक आकार में भी होती है और उसकी कार्यक्षमता और कार्यप्रणाली में तो यह निरन्तर अपेक्षित रहती है।
वर्तमान राज्यों में लोक प्रशासन के महत्व में गुणात्मक परिवर्तन लाने के पीछे जो सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारक तत्व है वह राज्य की लोक कल्याणकारी भूमिका है । इस एक फैक्टर ने ही राज्य पर विभिन्न क्षेत्रों में अनेकों दायित्व डाल दिये हैं और इनकी पूर्ति के लिए राज्य की निर्भरता प्रशासन पर ही है।
लोक प्रशासन प्रत्येक राज्य का एक अनिवार्य लक्षण है, चाहे वह पूंजीवादी है, समाजवादी हो या अधिनायकवादी हो और इनमें से प्रत्येक में उसकी भूमिका अधिकाधिक महत्व की है क्योंकि राज्य का दर्शन प्रत्येक प्रणाली में व्यक्तिवादी के स्थान पर सामुदायिक, अहस्तक्षेप से हस्तक्षेपनीय और नियामक से जनहितकारी हो गया है।
कुछ प्रणालियों में तो इन सकारात्मक प्रवृत्तियों पर अत्यधिक बल दिया जाता है । यदि आज भी समाज में सबसे अधिक कार्य-दायित्वों के बोझ से लोक प्रशासन दबा हुआ है और प्रत्येक व्यक्ति या समुदाय को अपनी कतिपय आवश्यकता की पूर्ति का एकमात्र स्रोत या विकल्प यही नजर आता है, तो इसके पीछे राज्य की यह भावना है जो संपूर्ण समाज को सुखी, निष्कंटक और शांतिपूर्ण जीवन ज्ञापन देने का संकल्प उठाये हुये हैं ।

इस भावना ने प्रशासन को घरों के भीतर किचन, शौचालयों से लेकर उसके बाहरी पर्यावरण में घटित प्रत्येक गतिविधि तक व्याप्त कर दिया है । इसीलिए डिमाक यदि आज के राज्य को “प्रशासकीय राज्य” की संज्ञा देत हैं तो कोई चूक नहीं करते हैं ।

राज्य और प्रशासन के कार्यों में भारी बढोतरी का कारण मात्र राजनीतिक दर्शन में परिवर्तन ही नहीं है, अपितु इसके पीछे कुछ अन्य सहायक कारण भी मौजूद रहे हैं – जैसे औद्योगिकीकरण और अनुषंगी शहरीकरण में वृद्धि, जनसंख्या में दूतगामी वृद्धि, महायुद्धों के परिणामों से उपजी स्थिति आदि ।

उक्त सभी कारक तत्वों ने समाज को “वृहत समाज” में तबदील कर दिया और इसके लिए “बड़ी सरकार” अस्तित्व में आयी । एम. मार्क्स के अनुसार बड़ी सरकारों को अपने विस्तृत कार्यकलापों को संपन्न करने के लिए बड़े संसाधनों की आवश्यकता होती है अर्थात एक व्यापक उद्देश्यों और आकार वाली प्रशासनिक मशीनरी ।


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