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PLANTS AND ANIMALS
पेङ पौधे एवं जानवर
हमारे पर्यावरण में अनेक प्रकार के पेड़ पौधे और जीव जंतु पाए जाते हैं जो कि विभिन्न प्रकार से हमारे लिए उपयोगी होते हैं हमारे मानव जीवन के लिए पेड़ पौधे और जीव जंतु काफी आवश्यक है।
पेड़ पौधों की उपयोगिता
स्वसन
भोजन
आवास
स्वास्थ्य
श्रृंगार
सुरक्षा
वस्त्र एवं जूते
वृक्ष के विभिन्न अंगो के नाम Parts Of Tree In Hindi – वृक्ष के विभिन्न भागों की जानकारी और उन पार्ट्स का पेड़ के लिए महत्व बताने का प्रयास है। पेड़ या पौधे का हर हिस्सा आर्युवेद में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वृक्ष के प्रत्येक भाग से आर्युवेदिक दवाइयां बनाई जाती है। पेड़ के कुछ भाग खाने योग्य होते है जिन्हें भोजन के रूप में प्राप्त करते है। वृक्षों के कुछ भाग ईंधन होता है। पेड़ पौधों के अंगो के बताने का प्रयास

पेड़ पौधों के अंगो के नाम
पौधे या वृक्ष के मुख्यतः तीन भाग (Tree Parts In Hindi) होते है – शीर्ष भाग, धड़ और जड़।

शिर्ष भाग (Crown) – पौधे के इस भाग में पत्तियां, टहनियां, फल और फूल होते है।
धड़ भाग (Trunk) – इस भाग में छाल, केंबियम, पिथ, सैपवुड और हार्टवुड परते आती है। ये तने की विभिन्न परते होती है।
जड़ (Root) – जड़ जमीन के अंदर का भाग होता है जो पौधे या वृक्ष को आधार प्रदान करता है।

  1. तना (Steam) – तना पौधे या वृक्ष को मजबूती और आधार देता है। यह वृक्ष का वह भाग होता है जो गुरुत्वाकर्षण के विपरीत दिशा में बढ़ता है। पेड़ का तना प्रकाश की तरफ बढ़ता है। पौधे या वृक्ष के तने से ही जड़, शाखा लगी होती है। तने की ऊपरी परत छाल कहलाती है। इसके नीचे की परत का नाम केंबियम और इसके नीचे सैपवुड परत होती है। पौधे के तने के बीच का भाग पिथ कहलाता है जबकि उसकी ऊपरी परत हार्टवुड होती है।

तने का मुख्य उपयोग फर्नीचर बनाने में किया जाता है। ज्यादातर पौधे या वृक्ष का तना ईंधन के रूप में भी जलाया जाता है। तने से होकर ही मिनरल्स और पानी शाखाओं और पत्तियों तक पहुंचता है। किसी वृक्ष का तना लम्बा और किसी का छोटा होता है। खजूर का वृक्ष का तना बहुत लम्बा होता है जिसके शीर्ष पर पत्तियां और खजूर लगते है।

  1. डाली या शाखा (Branch) – पौधे या वृक्ष का यह भाग तने से जुड़ा रहता है। पेड़ के तने से कई शाखाएं जुड़ी होती है और हर शाखा के भी कई उपशाखा होती है। पेड़ की छोटी उपशाखा को टहनी भी कहते है। इन शाखाओं पर ही पत्तियां लगी होती है। फल भी इन्ही शाखाओं पर लगते है। कई घने वृक्षों की शाखाएं एक छत की भांति फैली होती है। कुछ वृक्षों की शाखाओं की लकड़ी का उपयोग ईंधन या फर्नीचर बनाने में होता है। इन शाखाओं पर छाल भी होती है।
  2. पत्तियां (Leaf) – पत्तियां पौधों और वृक्षों का मुख्य भाग है। प्रकाश संश्लेषण की महत्वपूर्ण क्रिया पत्तियों के द्वारा ही होती है। पत्तियां मुख्यतः सरल और संयुक्त दो प्रकार की होती है। प्रत्येक पेड़ पौधे की पत्तियां अलग अलग होती है। ज्यादातर पत्तियों में दांतेदार किनारे होते है। पौधे की पत्तियां छोटी और बड़ी दोनों आकार में होती है। पतझड़ के मौसम में पेड़ों की पत्तियां गिर जाती है। पत्तियों का रंग हरा होता है लेकिन सूखने पर इनका रंग पीला या भूरा हो जाता है। कई वृक्षो की पत्तियां खाने के काम आती है जैसे कि पान और तेज पत्ता। ओषधि बनाने में भी पत्तियों का भरपूर उपयोग है।
  3. फूल (Flower) – ज्यादातर सभी पेड़ पौधों की टहनियों पर फूल भी लगते है। ज्यादातर वृक्षो और पौधों के फूलों से फल विकसित होते है। फूल वृक्ष से ज्यादा छोटे पौधों पर लगते है। फूल विभिन्न रंगों में पाये जाते है। ये खुशबूदार और दिखने में आकर्षक भी होते है। मुख्य फूलों में गुलाब, कमल, गेंदा, सूरजमुखी इत्यादि आते है। फूल के बारे में अधिक जानकारी के लिए यह पोस्ट पढ़े – फूलों के बारे में जानकारी
  4. फल (Fruit) – वृक्ष या पौधे का यह भाग खाने योग्य होता है। निषेचित और परिपक्व परिवर्तित फूल का अंडाशय ही फल कहलाता है। सामान्यता फूल ही फल में विकसित होता है। कई पेड़ पौधों के बीज फलों में होते है जिससे नए पौधों का अंकुरण होता है। कुछ फलों को पकाकर सब्जियों के रूप में इस्तेमाल करते है। लेकिन आमतौर पर फल वह है जो बिना पकाए ही खाया जाता है। फल स्वाद में मीठे और खट्टे होते है जबकि सब्जी का स्वाद मीठा या खट्टा नही होता है। कुछ फल पौधे की जड़ में भी लगते है जैसे मूंगफली। आम, केला, अंगूर, नारंगी, अनार, सेब इत्यादि कुछ प्रमुख फल है।
  5. जड़ (Root) – जड़ पौधे या वृक्ष का सबसे नीचे का भाग होती है। बीज के अंकुरित होने के बाद जड़ प्रकाश की विपरीत दिशा में जमीन के अंदर फैलती है। पेड़ को स्थिर सीधे खड़े रखने में जड़ का महत्व है। पेड़ की जड़ जमीन के अंदर फैली होती है जो इसे मजबुती प्रदान करती है। जड़ दो प्रकार की होती है – मूसलाधार और रेशेदार। मूसलाधार में एक मुख्य जड़ होती है जिससे कई सारी सहायक जड़े निकली होती है जैसे कि नीम। रेशेदार जड़ों में एकसमान कई जड़े निकली होती है जैसे कि गेंहू।

वृक्ष का यह भाग आमतौर पर दिखाई नही देता है। बरगद जैसे वृक्षों की कुछ जड़े बाहर निकली हुई होती है। जड़ पर पत्तियां भी नही होती है। जड़ का मुख्य कार्य मिनरल्स, पानी और भोजन को पौधे के तने तक पहुँचाना होता है। कुछ जड़ों को खाद्य प्रदार्थ के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इनमें मूली, चुकंदर, आलू इत्यादि जड़ें भोजन के रूप में उपयोग की जाती है।

पेड़ के भाग Parts Of Tree In Hindi –

  1. छाल (Bark) – छाल का इस्तेमाल औषधि के रूप में होता है। पेड़ के तने, जड़, शाखा पर छाल मौजूद होती है जिसे आसानी से हटाया जा सकता है। प्रत्येक पौधे और वृक्ष की छाल का अलग महत्व है। वृक्ष की छाल आमतौर पर दो भाग में होती है – आंतरिक और बाह्य छाल। आंतरिक छाल के ऊतक जीवित होते है जबकि बाह्य छाल के ऊतक मृत होते है। अर्जुन पेड़ की छाल सबसे अधिक उपयोगी है। दिल सबन्धी बीमारी में अर्जुन छाल लाभकारी है।
  2. बीज (Seed) – पेड़ पौधों का विकास बीज से होता है। बीजों के अंकुरित होने से पौधे का जन्म होता है। बीज प्रकाश, पानी और हवा के कारण निषेचन के बाद क्रियाशील होते है। एक अच्छा बीज फसल का अधिक उत्पादन करता है।
  3. कांटे (Thorn) – कुछ पौधों और पेड़ों के तने और टहनियों पर कांटे होते है। बबूल के पेड़ पर भी कांटे होते है। कांटेदार पौधों में खेजड़ी और कैक्टस भी आते है।
  4. गोंद (Gum) – पेड़ के तने से उत्सर्जित चिपचिपा प्रदार्थ गोंद कहलाता है। यह कोशिका भित्ति के सेलूलोज के अपघटन के फलस्वरूप बनता है। बबूल, नीम इत्यादि पेडो के तने से गोंद निकलता है। दवाई बनाने में गोंद का मुख्यतः इस्तेमाल होता है।

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