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  • 1765 ई० – सर्वप्रथम झारखंड में अंग्रेजों का प्रवेश (सिंहभूम) में हुआ एवं बाहरी लोगों की बाढ़ सी आ गई।
  • उस समय 3 राज्य प्रमुख थे – ढ़ालभूम (ढाल राजाओं का क्षेत्र),पोड़ाहाट (सिंह राजाओं का क्षेत्र),हो देशाम /कोल्हान (हो लोगों का क्षेत्र) पहला लड़ाई 1767 ढालभूम को राजा माना गया।
  • ढाल राजा को नेता रघुनाथ महतो (चुआड़ आंदोलन) के नेता का साथ मिला।
  • ढाल राजा के वंशजों ने सरायकेला पर राज्य कायम किया था , पोड़ैयाहाट राजा का चाचा विक्रम सिंह ने 12 गांव दान किया।
  • 1820 ई० मेजर रफसेज ने कोल्हान /देशाम में प्रवेश किया, चाईबासा के रोरो नदी तट पर युद्ध हुआ जहां अंग्रेजों को सफलता मिली।
  • 1821 अंग्रेजों द्वारा वह लोगों का दमन।
  • 1821 में हुई लड़ाई के बाद हो लोगों ने कंपनी की अधीनता स्वीकार की तथा 8 प्रति आना व बाद में ₹1 प्रतिवर्ष देना स्वीकार किया।
  • 1771 ई०- झारखंड क्षेत्र ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन आया ।
  • 1785ई०- तिलकामांझी का आंदोलन ।
  • 1797 ई०- मुंडा विद्रोह (बूंदी) (नेता- विष्णु मानकी)।
  • 1800ई०-चेरो विद्रोह (नेता -भूषण सिंह ) 1819-20 ई०- मुंडा विद्रोह (तमाड़ ,नेतृत्व कर्ता- रुदू कोनरा)
  • 1831-32 ई०- कोल विद्रोह (नेतृत्व कर्ता- दिनरे मानकी व सिधरे)
  • 1832-34ई०- भूमिज विद्रोह नेतृत्वकर्ता- गंगा नारायण सिंह)
  • 1845 ई०- झारखंड में क्रिश्चियनो का प्रवेश। 1856-57ई०-सिपाही विद्रोह (नेता – शेख भिखारी, विश्वनाथ शाही, गणपत राय )
  • 1859ई०- रांची में एंग्लिकन चर्च की स्थापना , छोटा नागपुर में “खरीद बिक्री कानून” लागू, सरदार आंदोलन की शुरुआत।
  • 1860ई०- मुंडा विद्रोह (नेता- दुखन मानकी, तमाड़)
  • 1869ई०- छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम लागू।
  • 1872ई०- संथाल परगना बंदोबस्त नियम लागू। 1878ई०- सरदार आंदोलन भारतीय कानूनवन कानून लागू (छोटा नागपुर)।
  • 1891ई०- आर्य समाज की स्थापना (रांची) (इस समय आदिवासियों ने शुद्धिकरण का अभियान चलाया)
  • 1895 ई०- उलगुलान (नेतृत्व कर्ता -बिरसा मुंडा)
  • 1893 ई०- झारखंड में रेल परिवहन की स्थापना ,झरिया में कोयला खनन प्रारंभ ।
  • 1900 ई०-ओरिजिनल सर्व सेटेलमेंट (1901) बना ।
  • 1903ई०- काश्तकारी संशोधन कानून लागू तथा जमीन के स्थानांतरण पर रोक ।
  • 1907ई०- जमशेदपुर में लोहा इस्पात संयंत्र की स्थापना।
  • 1912 ई०- बंगाल से बिहार व उड़ीसा अलग।
  • 1917 ई०-गांधीजी पहली बार 4 जून को रांची आए।
  • 1918ई०- राम विनोद सिंह को 14 दिसंबर को पकड़ लिया गया ,इन्हें हजारीबाग का “जतिन बाघा” कहा जाता है।
  • 1919 ई०- 6 विद्यार्थियों ने 6 अप्रैल को एक साथ उपवास रखा, जमशेदपुर व चाईबासा में “विरोध दिवस” मनाया गया ।
  • 1919 ई०- 27 दिसंबर को मौलाना अब्दुल कलाम को रिहा किया गया ,3 जनवरी 1920 को वे कोलकाता चले गए।
  • 1919 ई०-कांग्रेस कमेटी की स्थापना (पलामू)(नेता- बिंदेश्वरी पाठक तथा भागवत पांडे) 1920ई०- रांची जिला कमेटी की स्थापना भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का कोलकाता में विशेष अधिवेशन हुआ।
  • 1920ई०- में गांधीजी झारखंड आए, उन्होंने एक पंक्ति कहा-” कपास बाद, चरखा चलाओ, कपड़ा बुनो, छोटानागपुर आजाद हो जाएगा” 1920-21ई०-गांधीजी धर्मशाला के सामने लंका शायर मैनचेस्टर मेलों के विदेशी कपड़ों को जलाएं।
  • 1920 ई०- पलामू के आदिवासी नेता धनी सिंह को “पलामू का राजा” घोषित किया गया। (इन्होंने पलामू किला के हाते में आयोजित सभा में निर्णय लिया कि जंगलों को काट कर कपास की खेती की जाए)
  • 1927 ई०- जनवरी में गांधीजी डाल्टेनगंज आए और साइमन कमीशन के विरोध में रांची इसका केंद्र बना।
  • असहयोग आंदोलन (4 सितंबर 1920) में राँची इसका प्रमुख केंद्र बना। उस समय डोरंडा, नामकुम, घागरा, इटकी ,सेन्हा ओरमांझी, कोकर, तमाड़ ,बुंडू ,गुमला तथा लोहरदगा में कई जनसभाएं आयोजित किया गया जिसमें मौलवी उस्मान, गुलाब तिवारी और स्वामी विश्वानंद ने भाग लिया।
  • 1921ई०-रांची में वार्षिक पिंजरापोल समारोह हुआ ।
  • 1921ई०- हजारीबाग में बिहार स्टूडेंट का 16 वां अधिवेशन हुआ।
  • 1922 ई०- चौरी -चौरा कांड के बाद कांग्रेस में विभाजन हुआ तथा स्वराज पार्टी की स्थापना हुई ।
  • 1923 ई०-अप्रैल में राष्ट्रीय सप्ताह मनाया गया। 1923ई०- लेजिसलेटिव काउंसिल बनी तो कृष्ण बल्लभ सहाय “स्वराज पार्टी” के प्रतिनिधि चुने गए ।
  • 1926ई०- जमशेदपुर के खादी प्रदर्शनी का उद्घाटन कंपनी के उच्चस्थ अधिकारी टेंपल ने किया ।
  • 1928ई०- छोटानागपुर उन्नति संघ की स्थापना।
  • 1930ई०-नमक सत्याग्रह आंदोलन (दांडी मार्च) (नेतृत्व- मोहन महतो ,गणेश महगेे व सहदेव महतो )
  • यह आंदोलन 12 मार्च 1930 से 6 अप्रैल 1930 तक चला।
  • 6 अप्रैल 1930ई०- सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत हुई। इस क्रम में सिल्ली, रांची, चुटिया ,लोहरदगा ,गुमला आदि जगहों पर सभाएं हुए ।
  • 3 मई 1930 ई०-को रांची बार एसोसिएशन की बैठक में विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया गया।
  • 1930ई० में सितंबर में रांची में स्वदेशी सप्ताह मनाया गया तथा 16 नवंबर का सर्वत्र “जवाहर दिवस ” मनाया गया।
  • 1936ई० में बिहार से उड़ीसा को पृथक किया गया।
  • 1938 ई०- आदिवासी महासभा का गठन (नेतृत्व कर्ता -जयपाल सिंह)
  • 1939ई०- अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक (नेतृत्व कर्ता- सुभाष चंद्र बोस)
  • 1940 ई०- रेडिकल डेमोक्रेटिक पार्टी ( एम एन राय)
  • 1942ई०- भारत छोड़ो आंदोलन
  • 22 अगस्त 1943 ई० को भारत छोड़ो आंदोलन संबंधित अंतिम घटना थी जिसमें वाचस्पति त्रिपाठी को गिरफ्तार किया गया।
  • 1948 ई०- खरसावा आंदोलन ,झारखंड आंदोलन।
  • 1953 ई०- “राज्य पुनर्गठन आयोग” की स्थापना की गई इसके बाद झारखंड के स्वतंत्र राज्य के रूप में गठन की मांग उठी।
  • 1969ई०- बिहार में गठबंधन सरकार बनी जिसमें प्रखंड क्षेत्र के प्रतिनिधि अलग राज्य बनाने का प्रयास करते रहे।
  • 1972ई०- संसदीय चुनाव हुए जिसके बाद इंडियन नेशनल कांग्रेस भारी बहुमत से सत्ता में आए।
  • 1972ई०- झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन ( नेतृत्वकर्ता- शिबू सोरेन)
  • 1979ई०- झारखंडी नेता शक्ति नाथ महतो की हत्या ।
  • 1987 ई०- झारखंड समन्वय समिति का गठन (शिबू सोरेन व बाबूलाल मरांडी द्वारा)
  • 1989ई०- केंद्र सरकार ने झारखंड मसले पर एक समिति गठित की।
  • भाजपा ने सन् 1987 में पृथक झारखंड राज्य बनाने की मांग पर समर्थन किया था।
  • उसी समय झारखंड के अलावा उत्तराखंड व छत्तीसगढ़ राज्य को भी पृथक करने की मांग थी।
  • 1978ई०- में आदिवासियों में राजनीतिक चेतना जगाने हेतु काटो अभियान चलाया।
  • 1987ई०- में 1 फरवरी को झामुमो पार्टी ने दिल्ली चलो का नारा दिया।
  • 1982 में बिहार की कांग्रेसी सरकार ने छोटानागपुर विकास प्राधिकरण और संथाल परगना विकास प्राधिकरण नाम के दो स्वायत्त प्राधिकरण की स्थापना की।
  • 1987ई०- भाजपा ने पहली बार झारखंड राज्य की मांग उठाई।
  • तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने 23 अगस्त 1989 को झारखंड राज्य के गठन की जांच के लिए 24 सदस्य समिति को उड़ीसा, बिहार ,मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल दौरा करने भेजा।
  • 1991ई०- बिहार सरकार ने “झारखंड क्षेत्र विकास परिषद” का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा ।
  • 1992ई०- झारखंड गठन की समिति ने जनरल काउंसिल की बैठक की संस्तुति की।
  • 1994ई०- बिहार विधानसभा में 20 दिसंबर 1994 को तुलसी सिंह द्वारा परिषद् विधेयक पारित किया गया।
  • 1995ई०- 9 अगस्त को झारखंड क्षेत्र विकास परिषद का गठन हुआ जिसके अध्यक्ष शिबू सोरेन और उपाध्यक्ष सूरज मंडल बने।
  • 1997ई०- बिहार विधानसभा से पृथक झारखंड (वनांचल )राज्य संबंधी प्रस्ताव पारित ।
  • 1998ई०- बिहार विधानसभा में बिहार पुनर्गठन विधेयक पर चर्चा , 3 दिनों का विशेष सत्र आयोजित।
  • इस विधेयक के समर्थन में 107 वोट तथा विपक्ष में 181 वोट मिले थे।
  • 1999ई०- झामुमो में मतभेद हुए जिसके कारण 2000 में विधानसभा चुनाव में उपाध्यक्ष सूरज मंडल को दल से बाहर किया गया।
  • 2000 ई०- लगभग 3 शताब्दियों के बाद 15 नवंबर 2000 को झारखंड भारत का 28 वां राज्य बना।

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