संविधान सभा की प्रमुख समितियां एवं उनके अध्यक्ष का वर्णन करें?
उत्तर-साल 1947 में आज ही के दिन संविधान सभा ने संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए डॉ भीम राव अंबेडकर की अध्यक्षता में एक प्रारूप समिति का गठन किया था.26 नवंबर, 1949 को समिति ने संविधान का ड्राफ्ट संविधान सभा के सामने पेश किया. बाद में 26 जनवरी, 1950 को यह प्रभाव में आया और देश को अपना संविधान मिला. संविधान सभा ने संविधान के निर्माण से संबंधित विभिन्न कार्यों को करने के लिए कई समितियों का गठन किया ! इनमें से 8 बड़ी समितियां थी, तथा अन्य छोटी समितियां थी. इन 8 अध्यक्षों के नाम इस प्रकार है:
संविधान सभा की समितियां:
बड़ी समितियां:
1) संघ शक्ति समिति- जवाहरलाल नेहरू!
2) संघीय संविधान समिति- जवाहरलाल नेहरू!
3) प्रांतीय सविधान समिति- सरदार पटेल!
4) प्रारूप समिति- डॉ.बी.आर अंबेडकर
5) मौलिक अधिकारों, अल्पसंख्यको एवं जनजातियों तथा बहिष्कृत क्षेत्रों के लिए सलाहकार सीमित( परामर्शदाता सीमित)- सरदार पटेल इस सीमित के अंतर्गत निम्नलिखित पांच उप-समितियां थी:
(क) मौलिक अधिकार उप- समिति- जे.बी.कृपलानी!
(ख) अल्पसंख्यक उप- समिति- एचसी मुखर्जी!
(ग) उत्तर-पूर्व सीमांत जनजातियां क्षेत्र असम को छोड़कर तथा आंशिक रूप से छोड़े गए क्षेत्र के लिए उप- समिति- गोपीनाथ बरदोई!
(घ) छोड़े गए एवं आंशिक रूप से छोड़े गए क्षेत्रों (असम में संचित क्षेत्रों के अलावा) के लिए उप-समिति-ए.वी.ठक्कर!
(ड)उत्तर-पश्चिम फ्रंटियर जनजाति क्षेत्र उप- समिति!
6)प्रक्रिया नियम समिति- डॉ.राजेंद्र प्रसाद!
7) राज्यों के लिए समिति (राज्य से समझौता करने वाली)- जवाहरलाल नेहरू!
8) संचालित समिति- डॉ.राजेंद्र प्रसाद!
प्रारूप समिति:
संविधान सभा की सभी समितियों में से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण थी प्रारूप समिति! इसका गठन 29 अगस्त, 1947 को हुआ था, यह वह समिति है जिससे नए संविधान का प्रारूप तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी! इसमें 7 सदस्य थे जिनके नाम इस प्रकार है:
1.डॉ.बी.आर.अंबेडकर (अध्यक्ष)!
- एन.cगोपाल स्वामी आयगार!
- अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर!
- डॉ.के.एम.मुंशी!
- सैयद मोहम्मद सादुल्ला!
- एन माधव राव (इन्होंने बीएल मित्र की जगाली जिन्होंने स्वास्थ्य कारणों से त्यागपत्र दे दिया)
- टी.टी.कृष्णमाचारी (इन्होंने सन 1948 में डी.पी. खेतान की मृत्यु के बाद उनकी जगह ली)
- संविधान का प्रारूप वी.एन. राव ने तैयार किया था। वी.एन. राव द्वारा तैयार किये गये संविधान के प्रारूप पर विचार-विमर्श करने के लिए संविधान सभा द्वारा 29 अगस्त, 1947 ई. को एक संकल्प पारित करके ‘प्रारूप समिति’ का गठन किया गया और इसके अध्यक्ष के रूप में डॉ. भीमराव अंबेडकर को चुना गया। प्रारूप समिति के सदस्यों की संख्या सात थी, जो इस प्रकार है- 1. डॉ. भीमराव अंबेडकर (अध्यक्ष) 2. अल्लादी कृष्णा स्वामी अय्यर 3. एन. गोपाल स्वामी आयंगर 4. सैय्यद मोहम्मद सादुल्ला 5. कन्हैयालाल मणिकलाल मुंशी 6. एन. माधव राव (बी. एल. मित्र के स्थान पर) 7. डी. पी. खेतान (1948 ई. में इनकी मृत्यु के बाद टी. टी. कृष्णामचारी को सदस्य बनाया गया)।
- भारत के विभाजन के बाद संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 299 थी (प्रारंभ में 389), जिसमें प्रांतीय सदस्यों की संख्या 229 एवं देशी रियासतों के सदस्यों की संख्या 70 थी।
- संविधान तैयार करने में कुल 2 वर्ष, 11 महीना और 18 दिन का समय लगा।
- संविधान सभा द्वारा संविधान को 26 नवम्बर, 1949 ई. को पारित या अंगीकार किया गया। इस समय संविधान सभा के 284 सदस्यों ने संविधान पर हस्ताक्षर किए थे।
- संविधान को जब 26 नवम्बर, 1949 को पारित किया गया, उस समय इसमें कुल 22 भाग, 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं। वर्तमान समय में संविधान में 25 भाग, 465 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं।
- संविधान को पारित करने के बाद इसे 26 जनवरी, 1950 ई. को लागू कर दिया गया। संविधान लागू होने की याद में हम प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।
विभिन्न समितियों के प्रस्ताव पर विचार करने के बाद प्रारूप समिति ने भारत के संविधान का पहला प्रारूप तैयार किया, इसे फरवरी 1948 में प्रकाशित किया गया! भारत के लोगों को इस प्रारूप पर चर्चा करने और संशोधनों का प्रस्ताव देने के लिए 8 माह का समय दिया गया ! लोगों की शिकायतों आलोचनाओं और सुझाव के परिप्रेक्ष्य में प्रारूप समिति ने दूसरा प्रारूप तैयार किया, जिसे में प्रकाशित किया गया.प्रारूप समिति ने अपना प्रारूप तैयार करने में 6 माह से भी कम का समय लिया इस दौरान उनकी कुल 141 बैठक
हुई।
1)संविधान सभा क्या है? संविधान सभा का गठन कैसे हुआ?
उत्तर- संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है,जिसका निर्माण संविधान सभा के द्वारा किया गया है,संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन के सिफारिश के आधार पर 1946 में किया गया,इसमें संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे,जिन के सदस्यों का चुनाव जनता के द्वारा प्रत्यक्ष रूप से किया गया,भारत में संविधान सभा के गठन का विचार वर्ष 1934 में पहली बार एमएन रॉय ने रखा.रॉय भारत में वामपंथी आंदोलन के प्रखर नेता थे, 1935 में उनकी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पहली बार भारत के संविधान का निर्माण के लिए आधिकारिक रूप से संविधान सभा के गठन की मांग की ! 1938 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से पंडित जवाहरलाल नेहरू ने घोषणा की कि स्वतंत्र भारत के संविधान का निर्माण व्यस्क मताधिकार के आधार पर चुनी गई. संविधान सभा द्वारा किया जाएगा और इसमें कोई बाहरी हस्तक्षेप नहीं होगा.
*यह 389 सदस्य जिनमें:
1) 292 सदस्य ब्रिटिश भारतीय राज्यों!
2)93 देशी रियासत!
3) 04 कश्मीरी!
कुल मिलाकर 389 सदस्य होते हैं!
*संविधान सभा की बैठक का वर्णन:
1) संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को आयोजित की गई !
2) 9 दिसंबर 1946 को डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा को संविधान सभा का अस्थायी अध्यक्ष बनाया गया !
3) 11 दिसंबर 1946 को डॉ राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष बनाया गया !
4) 13 दिसंबर 1946 को नेहरू ने संविधान सभा को समक्ष संविधान का उद्देश्य प्रस्ताव पेश किया, इस उद्देश्य प्रस्ताव में संविधान की भावी रूपरेखा प्रस्तुत की गई !
5) यह उद्देश्य प्रस्ताव वर्तमान में संविधान की प्रस्तावना है !
6) प्रस्तावना संविधान की आधारभूत ढांचा है, संविधान की कुंजी है, आत्मा है, इसमें किसी भी तरह का परिवर्तन या संशोधन नहीं किया जा सकता !
7) संविधान के निर्माण के लिए! 13 समितियों का गठन किया गया था, जिनमें प्रारूप सीमित सबसे प्रमुख थे !
8) प्रारूप सीमित के अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर थे !
9) प्रारूप सीमित में अपना योगदान के कारण ही अंबेडकर को संविधान का जनक या पिता कहा जाता है !
10) प्रारूप सीमित में कुल (06+1)=7 सदस्य थे !
11) डॉ.बी. एन. राव को संविधान सभा का संवैधानिक साहित्यकार नियुक्त किया गया.
इस प्रकार हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 को बंद कर तैयार हो गया ! परंतु इस दिन इसे आंशिक रूप से लागू किया गया ! लेकिन हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को पूर्णता लागू किया गया ! क्योंकि 26 जनवरी 1930 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार रावी नदी के तट पर आंदोलन किए थे! इसलिए इस दिन जशने आजादी मनाया जाता था, और यह दिन यादगार हो इस उद्देश्य से 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया,और इसे गणतंत्र के रूप में मनाया जाने लगा,संविधान सभा की अंतिम बैठक 24 जनवरी 1950 को की गई ,संविधान सभा ने डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को देश का प्रथम राष्ट्रपति नियुक्त किया, इस प्रकार हमारा संविधान को बनने में 2 वर्ष 11 मांह,18 दिन लगे थे.