Q. संवेगों को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक कौन-कौन से हैं वर्णन करें?
Ans:-विकास के प्रत्येक स्तर पर बालक का भावात्मक विकास महत्वपूर्ण होता है। विकास की हर अवस्था में संवेगों को प्रभावित करने वाले कारकों का ज्ञान अध्यापकों के लिए अति आवश्यक है। संवेगोंको प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन निम्नलिखित है-
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- स्कूल वातावरण – स्कूल का वातावरण बच्चे के संवेगात्मक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करता है। जब बच्चा स्कूल में नया-नया प्रवेश लेता है तो वहां के वातावरण से बिल्कुल भी परिचित नहीं होता। परिणाम स्वरूप वह स्वयं को सुरक्षित महसूस नहीं करता। स्कूल में असफलताएं अर्जित करने से संवेगात्मक असंतोष पैदा हो जाता है। अन्य सुविधाओं का अभाव, अध्यापकों की शिक्षण विधि तथा सहगामी क्रियाएं आदि बालक के संवेगो को प्रदान करती है। इसी प्रकार स्कूल के मुख्याध्यापक और स्टाफ तथा विद्यार्थियों के आपसी संबंध भी इसे किसी ना किसी प्रकार से प्रभावित करते हैं।
(Vinayiasacademy.com) - परिवार तथा पड़ोस का वातावरण- संवेगो के विकास में पारिवारिक और पड़ोस का वातावरण बहुत महत्व रखता है। प्राय देखा गया है कि बच्चों में अनुकरण की प्रवृत्ति बहुत ही प्रबल होती है। वे परिवार के सदस्य और पड़ोस के व्यक्तियों का अनुकरण करते हैं। यदि परिवार व पड़ोस में वातावरण अच्छा होगा तो बच्चे भी वैसा ही व्यवहार करेंगे। अतः परिवार के वातावरण के अन्य घटक हैं- परिवार की आर्थिक दशा, सामाजिक स्थिति, आकार आदि। कई बार परिवार के सदस्यों का नकारात्मक दृष्टिकोण बच्चों के विकास के संतुलन को बिगाड़ देता है। अतः यह आवश्यक है के वातावरण को सरल बनाकर रखें।(Vinayiasacademy.com)
- स्वास्थ्य और शारीरिक विकास- बच्चों के स्वास्थ्य और शारीरिक विकास में गहरा संबंध होता है। कई बार बाहरी और आंतरिक शारीरिक त्रुटियां कई प्रकार की संवेगात्मक कठिनाइयां पैदा करती हैं। क्योंकि कई बच्चे अपनी बीमारी और खराब स्वास्थ्य के कारण अस्थिर हो जाते हैं। कई बार ग्रंथियों की सामान्य कार्यकुशलता में कमी आने से संवेगात्मक विकास रुक जाता है। अतः बच्चे के सामान्य विकास के लिए ग्रंथियों की सामान्य कार्यकुशलता अति आवश्यक है।
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- बौद्धिक दक्षता- शोध द्वारा संवेगों के विकास और बुद्धि में भी सहसंबंध पाया गया है। संवेगात्मक कष्ट और कुंठाएँ बौद्धिक दक्षता में रूकावट डालती है। ऑपरेशन व्यक्ति किसी और अरे में मन नहीं लगता ठीक इसी प्रकार बौद्धिक दक्षता दुर्बल कुंठाओं की वजह से भी प्रभावित होती है। एक बुद्धिमान व्यक्ति शक्ति और सोचने की शक्ति द्वारा परिस्थितियों पर नियंत्रण कर सकता है तथा अपने संवेगों को सही दिशा में प्रयोग करता है।
(Vinayiasacademy.com) - अभिभावकों का दृष्टिकोण- बच्चों की उपेक्षा करना, ज्यादा देर तक घर में ना रहना, बच्चों के संबंध में अधिक चिंता ग्रस्त रहना, बच्चों के समक्ष रोगों के बारे में बात करना, बच्चों को आवश्यकता से अधिक सुरक्षा देना ,उनकी इच्छा अनुसार कार्य करने की अनुमति प्रदान ना करना, नए अनुभव प्रदान ना करने देना आदि अभीभावकों को किए सभी बातें बालकों के अवांछनीय गुणों को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
- व्यावहारिक समस्याएं- कई परिस्थितियों में किशोर अपनी इच्छा से और मनपसंद व्यवसाय ग्रहण नहीं कर पाते और वे अप्रसन्न रहते हैं। इस प्रकार कई बार युवकों और उनके माता-पिता में व्यवसाय संबंधी टकराव पैदा हो जाते हैं। इस कार्य को बीच में छोड़कर दूसरा शुरू कर लिया जाता है यह सभी परिस्थितियाँ संवेग पैदा करती है।(Vinayiasacademy.com)
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