Share itअल्बर्ट एक्का:- 1971 के भारत-पाक युद्ध में अहम भूमिका निभाई। यह थल सेना के “ब्रिगेड ऑफ द गॉडस्”के लांस नायक थे। इनका जन्म गुमला जिले के जरी गांव में 27 दिसंबर 1942 को आदिवासी...
Share itबिरसा मुंडा यह एक स्वतंत्रता सेनानी व लोक नायक थे। इन्होंने ब्रिटिश शासन, महाजनों तथा जमींदारों के खिलाफ आंदोलन किया, जिसे बिरसा उलगुलान कहा गया। जन्म :- 15 नवंबर 1875 (उलीहातू)। बृहस्पति के हिसाब...
Share itतमाड़ विद्रोह:- 1771 में अंग्रेजों ने छोटानागपुर पर अपना अधिकार जमाया . जमींदारों ने किसानों की जमीन हड़पी शोषण नीति के कारण उरांव जनजाति में विद्रोह भड़का दी. 1789 में विद्रोही जमींदार पर टूट...
Share it 1310 ई०- अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति छज्जू मलिक ने नागवंशी राजा को कर देने के लिए बाध्य कर दिया । 1340 ई०- तुगलक वंश या मोहम्मद बिन तुगलक ने संस्थानों के सरदारों को...
Share it प्राचीन इतिहास (8वीं से 12वीं शताब्दी) :- 1.संस्कृत साहित्य में झारखंड को कलिंद देश कहा जाता था 2.महाभारत काल में झारखंड को पुंडरीक देश के रूप में छोटानागपुर। 3.ऐतरेय ब्राह्मण में झारखंड को...
Share itआदिवासी जमीन के रक्षा के लिए 11 नवंबर 1908 से बनी प्रभावी सीएनटी एक्ट। यह प्रारूप 1903 में बनकर तैयार हुआ था लेकिन 1908 को एक्ट लागू किया गया। 1962 में सीएनटी एक्ट में...
Share itइस जनजाति को बारह हजारी या तेरहा हजारी के नाम से भी जाना जाता है इनकी अपनी जातीय पंचायत होती है यह गांव अचल और मंडल स्तर पर कार्य करती है इन दोनों पंचायतों...
Share itलोहरा जनजाति की शासन व्यवस्था पंचायती होती है जिसमें दंड विवादों का निपटारा भी होता है। महली जनजाति की शासन व्यवस्था-दूर-दूर तक इनके गांव होते हैं जिनकी अपनी कोई पंचायत नहीं होती संथाली क्षेत्र...
Share itझारखंड में बसने वाले स्थानीय आर्य भाषी लोगों को सदान कहा जाता है किंतु सभी गैर जनजाति सदन नहीं है सदान झारखंड की मूल गैर जनजाति लोग हैं भाषा: खोरठा पंचपरागनिया और कुरमाली भाषा...
Share itढोकलो सोहोर शासन व्यवस्था को खड़िया शासन व्यवस्था भी कहते हैं। इनकी जनजाति प्रोटो- आस्ट्रोलॉयड है।इनकी भाषा खड़िया,मुंडा,उरांव,आर्य होते हैं। इनका धर्म-सरना धर्म,हिंदू धर्म, और क्रिश्चियन धर्म होते हैं। झारखंड के गुमला सिमडेगा तथा...