मूल्यों से आपका क्या अभिप्राय है? बालकों में व्यक्तिगत मूल्यों का विकास तथा परिवर्तन कैसे होता है स्पष्ट करें?
मूल्य व्यक्तियों के जीवन को अर्थपूर्ण बना देते हैं तथा उन्हें एक दिशा प्रदान करते हैं। लेकिन यह मूल्य है क्या ?इनका अर्थ जानना अति आवश्यक है।
” मूल्य का अर्थ”
गैरेट के अनुसार मूल्य कोई भी चीज है , जो मनुष्य के पास होनी चाहिए।
सी.ई . स्किनर के अनुसार,” यह एक अनुपम शाब्दिक प्रत्यय है, जो किसी महत्व को, किसी विशेष प्रकार की वस्तुओं, कार्यों और दशाओं से जोड़ता है”।

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मूल्यों के संबंध में कुछ निम्नलिखित बातें-
- मूल्य कुछ भी है, जो किसी व्यक्ति के लिए वांछनीय हो।
- मूल्य व्यक्ति के जीवन को अर्थपूर्ण बना देते हैं।
- मूल्य किसी चीज के प्रति व्यक्ति का आकर्षण है।
- मूल्य इच्छाओं को पूरा करने में सहायता देते हैं।
- मूल्यों के आधार पर हर व्यक्ति में अंतर दिखाई देता है।
- मूल्य शैक्षिक प्रक्रिया में संलिप्त होते हैं।
हां(Vinayiasacademy.com) मूल्यों का विकास-
मनुष्य के लिए जो भी चीज जो उसके लिए लाभकारी होती है, उसके लिए मूल्यवान हो जाती है। दर्शनशास्त्र की दृष्टि से मूल्य किसी विचार या दृष्टिकोण से प्रत्यक्ष रूप से संबंधित होती है। बच्चा घर तथा स्कूल में मिलने वाले प्रशिक्षण से माता पिता और अध्यापकों का अनुकरण करके सामाजिक समूह के सांस्कृतिक रूप से स्वीकृत मूल्यों को सीखता है, जिस समूह के साथ वे अपनी पहचान बनाते हैं। विभिन्न वातावरणीय साधनों द्वारा सीखे गए मूल्य इन कारकों पर निर्भर करते हैं-

- व्यक्ति का बौद्धिक स्तर
- कुछ मूल्यों को स्वीकार और अस्वीकार करने के लिए सामाजिक बल उस व्यक्ति के साथ सीखने वाले व्यक्ति का संबंध जिसके मूल्य सीखने वाले व्यक्ति के सम्मुख सीखने के लिए प्रस्तुत किए जाते हैं
- नाती का स्तर और भौतिकवाद- जिस परिवार में नैतिक स्तर निम्न और भौतिकवाद सूदृढ होगा, वहां पर व्यक्ति के मूल्य उन परिवार के लोगों से भिन्न होंगे जहां पर सख्त नैतिक मूल्यों पर बल दिया जाता है
- वह विधिजिसके द्वारा यह मूल्य प्रस्तुत किए जाते हैं
मूल्यों की वृद्धि के लिए निम्नलिखित सुझाव – - विद्यार्थियों का स्वयं अपनी पसंद चुनने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए तथा उन्हें निडर और बेफिक्र होकर चयन करने देना चाहिए।
- चयन प्रक्रिया में उपलब्धि की खोज और उसकी जांच करने में विद्यार्थियों की सहायता करनी चाहिए।
- इनके परिणामों को आंकने में सहायता करनी चाहिए।
- विद्यार्थियों को उनकी पसंद या चयन को प्रदर्शित करने तथा बोलने के अवसर प्रदान किए जाने चाहिए।
- विद्यार्थियों को उनकी पसंद या चयन के अनुसार कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
(Vinayiasacademy.com) - इस प्रकार यह मूल्यों की प्रशिक्षण की प्रक्रिया है, लोकी मूल्यों का थोपा जाना। मूल्यों को पठन सामग्री और पाठ्य पुस्तकों द्वारा भी प्रस्तुत किया जा सकता है। पाठ्यपुस्तक बहुत ही महत्वपूर्ण शैक्षिक साधन है, जिसे विद्यार्थी बार-बार पढता है। कहानियों के माध्यम से मूल्यों को प्रस्तुत करना उनके जीवन में घटित घटनाओं द्वारा भी मूल्यों का प्रशिक्षण संभव है।