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Q. अनुच्छेद 32 क्या है ?अनुच्छेद 226 क्या है? रिट कितने प्रकार के होते हैं? बंदी प्रत्यक्षीकरण परमादेश प्रतिषेध उत्प्रेषण अधिकार पृच्छा क्या है?vinayiasacademy. Com

  • भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों को दिया है और इसके साथ-साथ उसके व्यवहार को भी लागू करने का प्रावधान किया है, इसी उद्देश्य के साथ मौलिक अधिकारों को कैसे दिया जाए और अगर इसे रोका जाता है तो न्यायालय फिर से इसे जीवित कर दे ,इसी विचारों को संवैधानिक उपचार के अधिकार के तहत रखा गया है अनुच्छेद 32 के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय एवं अनुच्छेद 226 के द्वारा उच्च न्यायालय में भारतीय न्यायपालिका को मौलिक अधिकार का अभिभावक कहते हैं या अभि रक्षक कहते हैं यानी कि मौलिक अधिकार को किसी भी रूप में लागू करने के लिए न्यायपालिका को सभी अधिकार दे दिए गए हैं कोई भी नागरिक अगर मौलिक अधिकार का उल्लंघन होता है ,उसके साथ उसे यह आशंका है की मौलिक अधिकारों का हनन होगा तो वह न्यायपालिका की शरण में जा सकता है ।इसी प्रकार से अगर संसद या कोई भी राज्य का विधान सभा, विधान परिषद, विधान मंडल ऐसा कानून बनाती है जिससे कि मौलिक अधिकारों का हनन हो जाए तो न्यायपालिका उसे असंवैधानिक देगी ,इसमें यह भी बताया गया है यदि किसी अन्य व्यक्ति संस्था सरकार द्वारा कोई भी रूप में मौलिक अधिकारों को रोका जा रहा है तो व्यक्ति सीधा सर्वोच्च न्यायालय जा सकते हैं, 1978 ईस्वी में इसके लिए भगवती कमेटी ने एक सिफारिश की थी कि मौलिक अधिकारों का हनन होने पर कोई भी व्यक्ति एक पोस्टकार्ड लिखकर भी सर्वोच्च न्यायालय से न्याय मांग सकता है। इसका मूल उद्देश्य आम लोगों में इस भावना का विकास करना है कि सरकार किसी भी स्थिति में मौलिक अधिकार देने से उसे वंचित नहीं कर सकती है।
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  • मौलिक अधिकार को लागू करवाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय विभिन्न प्रकार की रिट जारी करती है उनमें से ही सबसे महत्वपूर्ण रिट होता है -बंदी प्रत्यक्षीकरण- बंदी प्रत्यक्षीकरण अक्सर चर्चा में होता है क्योंकि जब जब प्रशासन द्वारा किसी व्यक्ति को नजरबंद किया जाता है या उसे उसके वकील से मिलने नहीं दिया जाता है तो वह व्यक्ति सर्वोच्च न्यायालय के माध्यम से प्रार्थना करता है कि उसे अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया है शीघ्र ही उसे न्याय दिया जाए अब न्यायपालिका बंदी प्रत्यक्षीकरण के रूप में जारी करते हुए उस व्यक्ति को सशरीर उपस्थित करने के लिए बोलती है तथा उसके गिरफ्तारी के कारण की जांच करने को कहती है अगर गिरफ्तारी का कोई समुचित कारण नहीं है तो व्यक्ति को न्यायालय द्वारा मुक्त कर दिया जाता है बंदी प्रत्यक्षीकरण के जारी करने का उद्देश्य विधिक औचित्य बिना नहीं होता है न्यायालय में निरुद्ध व्यक्ति की ओर से कोई अन्य व्यक्ति भी आवेदन कर सकता है vinayiasacademy. Co
  • परमादेश रिट में जब कोई पदाधिकारी अपने सार्वजनिक कर्तव्य का निर्वहन नहीं करता है तो न्यायालय इसे जारी कर देती है इसमें सरकार हो या निगम हो दोनों प्रकार के अधिकारी को शामिल किया जाता है इसके माध्यम से लोग कर्तव्य या अधिकारी के कर्तव्य को पालन करने का निर्देश होता है इसके द्वारा जिस पदाधिकारी के विरुद्ध मुकदमा किया गया है उसके विवेक की शक्ति को परखा जाता है। निजी संस्था के विरुद्ध इसे जारी नहीं किया जाता है यह सरकारी संस्था के खिलाफ ही होता है ।अधिकारियों से यह उम्मीद की जाती कि वे अपने कर्तव्य का पालन करेंगे
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  • प्रतिषेध वास्तव में उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय जारी करती है यह रिट अपने से नीचे न्यायालय के लिए या अर्ध न्यायिक संस्था के लिए जारी किया जाता है इसका उद्देश्य न्यायिक व्यवस्था में त्रुटियों को रोकना यह मुख्य रूप से जुडिशल सिस्टम है
  • उत्प्रेषण भी एक न्यायिक प्रलेख की है जिसे सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय अपने से निचले स्तर के न्यायालय के लिए या अधिकारियों के लिए जारी कर सकते हैं इसके माध्यम से उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किसी विवाद को निम्न न्यायालय से उच्च न्यायालय में भेजने के लिए आज्ञा पत्र जारी किया जाता है यानी कि अगर निचली अदालत किसी स्वार्थ के कारण जरूरी नहीं भी हो फिर भी उस मुकदमे की सुनवाई कर रही है। अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रही है तो उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय यह कह सकती है कि इस मुकदमे को हमारे पास हस्तांतरित कर दिया जाए इससे मुकदमे में हो रहा दुरुपयोग रुक जाता है विवाद के संबंध में न्यायपालिका सूचना भी प्राप्त कर लेती है
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  • अधिकार पृच्छा यह सार्वजनिक पद पर आसीन व्यक्ति के लिए यानी कि जब एक ही पद पर दो लोगों का नियुक्ति हो जाता है तो न्यायपालिका पूछती है कि वास्तविक अधिकार किसे दिया गया है कोई विवादित पर सार्वजनिक पदों तो इसके लिए भी न्यायपालिका अधिकार पृच्छा का प्रयोग कर लेती है
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  • संविधान में किस किस प्रकार की जीत जारी की जाती है यह रीट किन अवस्थाओं में हो सकती है किसके द्वारा जारी की जाती है?- आमतौर पर रीट पांच प्रकार के होते हैं बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट सामान्य प्रकार का है जिस व्यक्ति को हिरासत में रखा गया है इसे वह आवेदन कर सकता है अब न्यायपालिका उस व्यक्ति के विरूद्ध यह संस्था के विरुद्ध सरकार के विरुद्ध इसे जारी करती है vinayiasacademy. Com

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