Q. स्वतंत्र होने के बाद भारत में तात्कालिक कौन से कार्य किए गए?
- स्वतंत्र होने के बाद भारत में कई तात्कालिक कार्य किए गए जिसमें पहला कार्य था देश में राजनीतिक एकता स्थापित करना।
- ब्रिटिश शासन का समाप्त होना निश्चित हो गया था तो राजा महाराजाओं ने अपने दमन में वृद्धि कर दी। जम्मू और कश्मीर, हैदराबाद, त्रावणकोर तथा राजस्थान के कुछ रियासतों से यह दमन अधिक बर्बर था।
- कुछ राजाओं में स्वतंत्र शासक बनाने की योजना बनाई । राष्ट्रीय आंदोलन में राज्यों की जनता की मदद से उनकी योजना को विफल कर दिया धार्मिक राज्यों का विभाग सरदार वल्लभभाई पटेल के जिम्मे था ।
- उनके प्रयास से भारत स्वतंत्र होने के पहले ही सभी जातियों को भारत में मिला लिया गया था। केवल तीन ही राज्य 15 अगस्त 1947 तक भारत में नहीं मिले थे । वे तीन राज्य- जम्मू तथा कश्मीर ,हैदराबाद और जूनागढ़ ।
- स्वतंत्रता के तुरंत बाद कश्मीर पर पाकिस्तान ने हमला कर दिया परंतु जम्मू कश्मीर की जनता अपने को भारत का अंग समझते थे। उन्होंने पाकिस्तानी हमलावरों का डटकर मुकाबला किया।
- भारत में जूनागढ़ का नवाब पाकिस्तान भाग गया । हैदराबाद के निजाम ने मान लिया कि प्रतिनिधि द्वारा बनाई गई एक सरकार भारत में मिल जाने के बारे में सितंबर 1948 में भारतीय सैनिक और आत्मसमर्पण कर दिया गया।
- कुछ क्षेत्र जिन राज्यों को भारत में मिलाने का इतिहास काफी लंबा है क्योंकि इन क्षेत्रों में विदेशी शासन का अंत भारत के स्वतंत्र होने के बाद कई सालों बाद हुआ। ऐसे क्षेत्र थे – ट्रांस शासित क्षेत्र पांडिचेरी, यनम,पुर्तगाली शासित क्षेत्र गोवा, दमन दीव दादरा नगर ,हवेली ,माहे, चंद्रनगर।
- 1948 ईस्वी में माही में विद्रोह हुआ और प्रशासन ने समर्पण कर दिया ।1949 ईस्वी में चंद्र नगर भारत में मिल गया।
- 1954 में फ्रांस द्वारा शासित क्षेत्र की जनता ने भारी बहुमत से भारत में मिलने का फैसला किया तथा भारत और फ्रांस के बीच एक समझौता हुआ और इसके अंतर्गत सभी फ्रांस शासित क्षेत्र भारत में मिल गए।
- 1954 ईस्वी में स्वाधीनता सेनानियों ने दादर और नगर हवेली को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराया ।1955 में एक सत्याग्रही आंदोलन हुआ जिसमें निहत्थे सत्याग्रही ने गोवा में प्रवेश किया ।

- पुर्तगाल की के शासन को उखाड़ फेंकने के लिए गोवा के कुछ लोगों ने सशस्त्र दल बनाएं अंत दिसंबर में 1961 ईस्वी में भारतीय सेना गोवा में पहुंची भारत पुर्तगालियों ने समर्पण कर दिया और गोवा भारत का अंग बन गया।
- और इसके साथ ही पूरा भारत स्वतंत्र हो गया। भारत स्वतंत्र होने के कुछ दिन बाद भारतीय जनता को एक महान विपत्ति का सामना करना पड़ा। गांधी जी ने भारतीय जनता की जागृति में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्होंने भारतीय जनता का अनेक सालों तक नेतृत्व किया था उनके मार्गदर्शनऔर नेतृत्व में भारत ने आजादी की लड़ाई लड़ी और अंत में आजादी प्राप्त किए।
- इसलिए इन्हें राष्ट्रपिता कहा गया उन्होंने हिंदू मुस्लिम एकता के लिए भी कार्य किए जब सांप्रदायिक दंगे हुए तो इन्होंने दंगा ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया और शांति तथा सांप्रदायिक मैत्री बनाए रखने के लिए प्रेम तथा बंधुत्व का उपदेश दिया।
- कुछ लोगों को प्रेम और बंधुभाव के उनके संदेश को पसंद नहीं किया जिसके बाद 30 जनवरी 1948 ईस्वी को एक हिंदू धर्मांध ने गांधी जी को जब प्रार्थना सभा में जा रहे थे तो नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।
- स्वतंत्र भारत के सामने एक तात्कालिक प्रमुख समस्या थी विस्थापितों को फिर से बसाना एवं लाखों बेघर हुए लोगों का जो भारत आए थे उनकी सहायता करना तथा रोजगार देने की समस्या सामने आई।
- देश को विभाजन के बाद कई आर्थिक समस्याएं आई जिसमें उद्योगों के लिए कच्चे माल का अभाव हो गया जूट तथा सूती कपड़े के अधिकांश कारखाने भारत के रह गए मगर जूट, कपास उत्पादन करने वाले अधिकांश क्षेत्र पाकिस्तान के हिस्से में चले गए, सूती कारखाने बंद हो गए गेहूं और चावल पैदा करने वाले विशाल क्षेत्र पाकिस्तान में चले गए आबादी के अनुपात की दृष्टि से सिंचित भूमि का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान में चला गया था, इसलिए कुछ दिनों तक भारत में अन्य का अभाव भी रहा दूसरे महायुद्ध और विभाजन के कारण देश की परिवहन व्यवस्था भी अस्त-व्यस्त हो गई थी।
- इसी बीच स्वतंत्र भारत के लिए संविधान बनाने का कार्य चल रहा था यह कार्य 26 नवंबर 1949 को पूरा हुआ एवं 26 जनवरी 1950 को भारत एक गणतंत्र गया वह दिन 1930 ईस्वी से ही स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जा रहा था परंतु उस दिन भारत को गणतंत्र घोषित किया गया इसलिए 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।