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Q. दांडी यात्रा के ऊपर एक टिप्पणी लिखें।
सविनय अवज्ञा आंदोलन क्यों शुरू किया गया?गोलमेज सम्मेलन क्या था?

  • सन 1930 ईस्वी में स्वाधीनता दिवस मनाने के बाद गांधी जी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत की गई यह आंदोलन की शुरुआत गांधीजी की प्रसिद्ध दांडी यात्रा से शुरू हुई ।
  • 12 मार्च 1930 ईस्वी को गांधी जी ने अहमदाबाद अपने साबरमती आश्रम से अन्य 78 सदस्यों के साथ दांडी की ओर पैदल यात्रा आरंभ की। गाँधी जी और उनके साथियों ने 6 अप्रैल 1930 को दांडी पहुंचे और गांधी जी ने नमक कानून तोड़ा।
  • नमक के उत्पादन पर सरकार का एकाधिकार था इसलिए किसी के लिए भी नमक बनाना गैरकानूनी था। समुद्र के पानी के वष्पीकरण के बने नमक को उठाकर गांधीजी ने इस सरकारी नियम को तोड़ा। vinayiasacademy.com
  • नमक कानून को तोड़ने के बाद सारे देश में सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत हुई इस सविनय अवज्ञा आंदोलन के पहले चरण में सारे देश में नमक तो नमक कानून तोड़ने की घटनाएं हुई एवं नमक कानून तोड़ना सरकार के विरोध का प्रतीक बनता चला गया।
  • जिसमें तमिलनाडु में राम गोपाल आचार्य ने दांडी यात्रा की तरह त्रिचनापल्ली से वेदरांयम् तक की यात्रा की।
  • गुजरात में सरोजिनी नायडू ने एक प्रसिद्ध कवियत्री थी यह कांग्रेस की एक प्रमुख नेता थी और कांग्रेस की अध्यक्ष भी बने ।
  • यह सम्मेलन सितंबर 1931 ईस्वी में हुआ। कांग्रेस के कराची अधिवेशन में मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीति के बारे में महत्वपूर्ण प्रस्ताव को स्वीकार किया गया जिससे देश की सामाजिक और आर्थिक समस्याओं के बारे में राष्ट्रीय आंदोलन की नीति निर्धारित की गई। vinayiasacademy.com
  • इस प्रस्ताव में उन सभी मौलिक अधिकारों का जिक्र था जिन्हें जाति तथा धर्म के भेदभाव के बिना, जनता को प्रदान करने का वादा किया गया था, इसके साथ ही इस प्रस्ताव में भारतीय उद्योगों के विकास, कुछ उद्योगों के राष्ट्रीयकरण, मजदूरों तथा किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को भी स्वीकार कर लिया गया था। गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने वाले कांग्रेस के एकमात्र प्रतिनिधि गांधीजी थे। सम्मेलन के लिए सांप्रदायिक नेताओं का चुनाव ब्रिटिश सरकार द्वारा किया गया था वह देश का नहीं बल्कि अपने अपने समुदाय का प्रतिनिधि होने का दावा करते थे।
  • कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में केवल पूरे देश का गांधीजी ही प्रतिनिधित्व कर रहे थे इसलिए भारत की आजादी में ना तो राजाओं को दिलचस्पी थी, ना ही किसी सांप्रदायिक नेताओं को ,इसलिए कोई भी समझौता नहीं हो सका और दूसरे गोलमेज सम्मेलन असफल रहा। जिसके बाद गांधीजी पूरा भारत लौटे और सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत की हालांकि सरकार के दमन के लिए सम्मेलन के दौरान भी यह आंदोलन जारी रहा। करीब 1 साल के भीतर 1,20,000 लोगों को जेल में बंद किया गया । vinayiasacademy.com
  • आंदोलन को 1934 ईस्वी में वापस लिया गया उसके बाद कांग्रेस ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किया और मांग की कि वयस्क मताधिकार से जनता द्वारा चुनी गई विधानसभा को बुलाया जाए।
  • यद्यपि कांग्रेस अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में असफल रही परंतु देश के एक दूसरे महान जन आंदोलन में बड़े पैमाने पर लोगों को लाने में सफलता मिली। vinayiasacademy.com

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