सिंधु घाटी सभ्यता के पश्चात भारत में एक नए सविता का जन्म हुआ जिसे आज की सभ्यता अथवा वैदिक सभ्यता का नाम दिया गया है यह जानकारी वेदों से प्राप्त होती है इसे दो भाग में बांटा जाता है पूर्व वैदिक काल अर्थात 1500 से 1000 ईसा पूर्व एवं उत्तर वैदिक काल 1000 से 600 ईसा पूर्व। इतिहासकारों ने आज के निवास स्थान को लेकर अलग-अलग बातों को कहा है लेकिन मैक्स मूलर के अनुसार आज मूल रूप से मद्धेशिया के रहने वाले थे जो चारागाह का जीवन जीते थे कालांतर में अपने घोड़े की सवारी करते हुए यह सिंधु घाटी सभ्यता की ओर आकर्षित हुए भारत में उनका प्रवेश खैबर दर्रे से हुआ। अगर ईरानी भाषा के पुस्तक अवस्था को देखा जाए तो ही कि वेद से मिलती-जुलती पंक्तियां वहां भी देखी जाती है लेकिन मूल रूप से बोगाज़कोई जो तुर्की में एक अभिलेख पाया गया है जिसमें हिंदू देवता इंद्र मित्र वरुण नासत्य का जिक्र है इसलिए ऐसा माना जाता है कि इसी क्षेत्र से आर्य भारत की ओर आए होंगे। बाल गंगाधर तिलक के अनुसार इनका निवास स्थान जो भी क्षेत्र में था दयानंद सरस्वती के अनुसार यह तिब्बत प्रदेश से आए थे। रिग वैदिक काल में प्राकृतिक शक्ति ही प्रमुख थी। अगर इनके निवास स्थान को देखा जाए तो सिंधु नदी एवं सरस्वती नदी क्षेत्र में फैले हुए थे लेकिन धीरे-धीरे उत्तर भारत में इनकी पकड़ मजबूत हो गई थी गंगा और उसकी सहायक नदी के क्षेत्र में किसी कार्य में शुरू हो चुका था गंगा को यही कारण है कि आज भी उतना ही पवित्र माना जाता है। इस काल में सभा समिति विधायक एवं गण नाम की चार प्रशासनिक संस्थाएं थी विदत सबसे पुरानी संस्था थी और गण जनजातियों की संस्था थी।

August 12, 2020
भारत पर अरबों का आक्रमण
Share it1.भारत पर अरबों का आक्रमण कब हुआ ?इस आक्रमण से भारत को क्या क्या हानियां हुई वर्णन करें? 2.मोहम्मद बिन कासिम का इस आक्रमण में क्या योगदान था? 3.मोहम्मद गजनवी ने भारत में कब...