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पुरोहित राजा का प्रमुख सलाहकार होता था युद्ध में राजा के साथ जाता था समस्त धार्मिक कार्य में राजा के साथ ही रहता था। महिषी राजा की पटरानी महिषी कल आती थी जो प्रशासनिक कार्य में राजा की सहायक एवं सलाहकार के रूप में कार्य करती थी। युवराज राजा अपने जेष्ठ पुत्र को इस पद पर आसीन कर उसे उत्तराधिकारी के रूप में प्रशासनिक कार्यों में निपुण करने का प्रयास करता था। सूत के निर्माण एवं रखरखाव हेतु पदाधिकारी। सेनानी सेना का प्रधान पदाधिकारी। ग्रामीणी ग्राम शासन का प्रधान पदाधिकारी। छत्री राजा एवं उनके सहयोगी की सुरक्षा हेतु पदाधिकारी। संग्रहीता राज्य का कोषाध्यक्ष। भाग दुक भूमि कर की वसूली हेतु पदाधिकारी। अथवा हाईवे का लेखा-जोखा वाला पदाधिकारी।


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