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Q. भारत छोड़ो आंदोलन का क्या अर्थ है ?यह कब शुरू हुआ? भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में इसका क्या महत्व है?

  • भारत छोड़ो आंदोलन का अर्थ- अप्रैल 1942 ईस्वी में क्रिप्स मिशन असफल रहा उसके 4 महीने के भीतर ही आजादी के लिए भारतीय जनता का तीसरा जिसे भारत छोड़ो आंदोलन का नाम दिया गया।
  • मुंबई में 8 अगस्त 1942 ईस्वी को आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने एक प्रस्ताव लाया गया । घोषणा की गई कि ब्रिटिश शासन को समाप्त करना अति आवश्यक है जिसके बाद आजादी और जनतंत्र की विजय के लिए फासिज्म देशों तथा जापान के विरुद्ध लड़ रहे मित्र राष्ट्रों के लिए भी यह जरूरी है कि भारत को जल्द ही स्वाधीनता मिल जाए ।
  • प्रस्ताव में कहा गया कि भारत में ब्रिटिश सत्ता को हटा दिया जाए। प्रस्ताव में देश की आजादी के लिए सबसे व्यापक स्तर पर अहिंसात्मक आंदोलन शुरू करने की स्वीकृति दे दी।
  • गांधी जी ने “करो या मरो” का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रयास से हम तो आजाद होंगे या मर मिटेंगे।
  • भारत छोड़ो के दौरान “करो या मरो” और “भारत छोड़ो” का गूंज हर जगह सुनाई देने लगा।
  • 9 अगस्त 1942 ई० के सुबह कांग्रेस के अधिकांश नेता गिरफ्तार कर लिए गए । देश के हर हिस्से में प्रदर्शन और हड़ताल हुई, लोगों में सरकारी संपत्ति पर हमला किया जिसके लिए रेल पटरी को तोड़ा, डाक तार व्यवस्था में रुकावट डाली।
  • कई अखबार ने प्रकाशन बंद कर दिया। 1942 के अंत तक 60000 लोगों को जेल में बंद किया गया और सैकड़ों की मृत्यु हो गई जिसमें अधिकांश बच्चे व वृद्ध महिलाएं शामिल थे। महा युद्ध के दौरान भारतीय जनता के भयंकर कष्ट झेलने पड़े। ब्रिटिश सेना और पुलिस द्वारा काफी यातनाएं दी गई। इसी बीच बंगाल में भयंकर अकाल की पड़ा जिससे लगभग 30
  • लाख लोगों की मौत हो गई।

Q. आजाद हिंद फौज की स्थापना क्यों हुई?
भारत की स्वतंत्रता के लिए उसने क्या किया?

  • दूसरे महायुद्ध के दौरान आजादी के संघर्ष में एक और महत्वपूर्ण घटना हुई जो थी आजाद हिंद फौज की स्थापना । क्रांतिकारी रासबिहारी बोस ने भारत से भाग निकलने के बाद कई साल तक जापान में रहे।
  • दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में रह रहे भारतीयों के सहयोग से “इंडियन इंडिपेंडेंस लीग” की स्थापना की। जापान ने ब्रिटिश फौजों को हटाकर दक्षिण पूर्व एशिया के लगभग सभी देशों पर कब्जा कर लिया था।
  • ब्रिटिश शासन से भारत को आजाद करने के उद्देश्य से भारतीय युद्ध बंदियों को लेकर आजाद हिंद फौज बनाई थी जनरल मोहन सिंह ,जो भारतीय सेना में एक अफसर थे इन्होंने आजाद हिंद फौज बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1941 में सुभाष चंद्र बोस भारत से बाहर भाग निकलने में सफल हुए भारत की आजादी के लिए काम करने हेतु जर्मनी पहुंच गया।
  • सुभाष चंद्र बोस इंडियन इंडिपेंडेंस लीग का नेतृत्व करने और आजाद हिंद फौज का निर्माण करने, कार्यक्रम को सक्षम बनाने के लिए 1943 में सिंगापुर पहुंचे ।
  • आजाद हिंद में लगभग 45000 सैनिक थे ,21 अक्टूबर 1943 को सुभाष चंद्र बोस ने, जो अब नेताजी के नाम से प्रसिद्ध हो गए थे सिंगापुर में आजाद हिंद की अंतरिम सरकार की स्थापना की घोषणा की।
  • जापान ने अंडमान द्वीपों पर कब्जा कर लिया था । नेताजी अंडमान गए और वहां भारत का झंडा फहराया। 1944 ई० के आरंभ में आजाद हिंद फौज तीन टुकड़ों ने अंग्रेजों को भारत से खदेड़ने के उद्देश्य से भारत पूर्वोत्तर भाग पर हुए हमले में भाग लिया ।
  • आजाद हिंद फौज के कुछ सैनिक भारतीय क्षेत्र में पहुंच गए परंतु आजाद हिंद फौज को भारत को आजादी दिलाने में सफलता नहीं मिली लेकिन नेताजी का विश्वास था की आजाद हिंद फौज की सहायता से और जापान की मदद से भारत के बाहर और भीतर किए जाने वाले विद्रोह को खत्म किया जा सकता है ।
  • भारत में ब्रिटिश शासन को खत्म किया जा सकता है आजाद हिंद फौज जिसका नारा था “दिल्ली चलो” और अभिवादन था “जय हिंद” जो देश में और देश के बाहर प्रेरणा का स्त्रोत थे। नेताजी ने दक्षिण पूर्व एशिया के सभी बंधुओं तथा धर्मों के भारतीयों को भारत की आजादी के लिए एक मत किया। इसमें भारतीय स्त्रियों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । कैप्टन लक्ष्मी स्वामीनाथन ने महिलाओं की एक रेजीमेंट बनाई।
  • भारत की जनता के लिए आजाद हिंद फौज एकता और वीरता का प्रतीक बना दिया बन गया। कुछ दिन बाद जापान के समर्पण के कुछ दिन बाद एक विमान दुर्घटना में नेताजी की मौत हो गई फासिस्ट शक्तियों की पराजय के साथ 1945 ईस्वी में दूसरा महायुद्ध खत्म हो गया इस युद्ध में लाखों लोगों की मौत हुई।

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