लाल मिट्टी – #vinayiasacademy.com#
- यह मिट्टी पूरे झारखंड में पाई जाती है।
- यह मिट्टी कम उपजाऊ होती है ।
- शुष्क व आद्र जलवायु के कारण लौह ऑक्साइड से भरपूर होती है।
- लौह तत्वों की मात्रा अधिक होने के कारण अति रंध्रयुक्त होती है।
काली मिट्टी –
- बेसाल्टिक मिट्टी सिलिकॉन पदार्थों से युक्त होती है ।
- इसमें पाए जाने वाले मुख्य पदार्थ – कायोलिन, पोटाश, मैग्नीशियम और लौह ऑक्साइड पाए जाते हैं ।
- यह मिट्टी कृषि में उपयोगी होती है वह राजमहलों की पहाड़ियों में पाई जाती है।
- यह धान व चने की खेती के लिए उपयुक्त है।
रेतीली मिट्टी – #vinayiasacademy.com#
- यह दामोदर घाटी की चट्टानें टूटने से बनती है। इसका रंग धूसर और पीला होता है।
- कृषि में मोटे अनाज के लिए यह मिट्टी उपयुक्त है।
लैटेराइट मिट्टी-
- इस मिट्टी में लौह अयस्क की मात्रा अधिक होती है ।
- इसमें चूना ,पोटाश ,फास्फोरस भी पाया जाता है।
- इसमें एल्युमीनियम और मैग्नीज प्रचुर मात्रा में पाए जाने के कारण उर्वरा शक्ति कम होती है।
- इसमें अरहर व अरंड की खेती की जाती है।
अभ्रकीय लाल मिट्टी –
- अभ्रक के अंशो के कारण यह मिट्टी चमकीले होती है ।
- यह मिट्टी कृषि के लिए अधिक उपयोगी नहीं है। अभ्रक की खान वाले क्षेत्र – झुमरी तिलैया, कोडरमा ,मांडू ,बड़कागांव में है।