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अपनी पृथ्वी के ऊपर जो आसमान देखते हैं उसके अलग भी एक स्थान की कल्पना कहते हैं जिसे ही वैज्ञानिक भाषा में अंतरिक्ष कहा जाता है अंतरिक्ष की सीमा की अगर बात की जाए तो 10 टू द पावर टू 6 मीटर के रूप में जाना गया है इसलिए हम यह कह सकते हैं कि अंतरिक्ष की सीमा का पता करना बहुत ही मुश्किल है जब हम चंद्रमा तारा सूर्य सभी चीजों को देखते हैं तो यह ठोस द्रव या गैस पदार्थों का बना हुआ गोलाकार वस्तु है जिसे हम खगोलीय पिंड celetial बॉडी कहते हैं जितने भी खगोलीय पिंड होते है सभी के पास एक गुरुत्वाकर्षण शक्ति होती है और प्रत्येक पिंड दूसरे को अपनी ओर खींचता है इसी के प्रभाव के कारण सभी अपनी अपनी अपनी कक्षा और ऑर्बिट में परिक्रमा कर रहे हैं. इन की दूरी को कैसे नापना चाहिए इसके लिए वैज्ञानिकों ने प्रकाश वर्ष बनाया प्रकाश किरण एक सेकंड में 300000 किलोमीटर दूरी पार कर जाती है और इस हिसाब से 1 साल में पंचानवे ख़रब किलोमीटर दूरी पार कर लेगी इसलिए एक प्रकाश वर्ष की दूरी पंचानवे खरब किलोमीटर होती है सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी अगर देखा जाए तो ₹149597900 किलो मीटर है यही कारण है कि सूर्य से पृथ्वी पर प्रकाश के पहुंचने में 8 मिनट और 18 सेकंड का समय लगता है हमारे सूर्य के बाद पृथ्वी के सबसे नजदीक का तारा प्रॉक्सिमा सेंचुरी है जो पृथ्वी से लगभग 4 * 1 बटा 3 प्रकाश वर्ष दूर है अर्थात वह पृथ्वी की तुलना में 250000 गुना अधिक दूर है इसी प्रकार से जिस सूर्य को हम देखते हैं वह पृथ्वी से तेरा लाख गुना बड़ा है लेकिन वैज्ञानिकों ने कहा है कि विटलगज नामक तारे में हमारे सूर्य जैसे 24000000 सूर्य समा सकते हैं#vinayiasacademy.com


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