
आकाश में कई सौरमंडल है प्रत्येक सौरमंडल में एक बड़ा चमकीला तारा होता है इसे ही सूर्य कहा जाता है हमारा सौरमंडल अनगिनत उल्का है जिसे metors, हजारों क्षूद्र ग्रह जिसे एस्ट्रॉयड कहा जाता है, हजारों पुच्छल तारे हैं जिन्हें कॉमेट कहा जाता है और कई निहारिकाएँ हैं जिसे नेबुला कहते हैं गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण यह सभी एक सौरमंडल से बंधे और सूर्य इन सबों का केंद्र बिंदु होता है यह सभी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते रहते हैं सबसे पहले सूर्य हमारी मंदाकिनी का तारा एवं सौर परिवार का केंद्रबिंदु है। वैज्ञानिकों ने बताया सौरमंडल की उत्पत्ति सूर्य से ही हुआ है इसकी अनुमानित आयु 4500 करोड़ वर्ष है। सूर्य का व्यास 13 लाख 91 16 किलोमीटर है जो पृथ्वी के व्यास से लगभग 109 गुना अधिक है सूर्य का आयतन 1.989×10^27 मेट्रिक टन इस प्रकार से आयतन में यह पृथ्वी से 1300000 गुना बड़ा है ,पृथ्वी से अधिकतम दूरी 15.2 1 करोड़ किलोमीटर और न्यूनतम दूरी 14.71 करोड किलोमीटर और औसत दूरी 14.96 किलोमीटर है .सूर्य का औसत घनत्व 1.409 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर, जो पृथ्वी के घनत्व का एक चौथाई ही है . सूर्य की गुरुत्वाकर्षण शक्ति पृथ्वी के तुलना में 28 गुना अधिक है जिस प्रकार से पृथ्वी घूम रही है उसी प्रकार से सूर्य भी घूम रहा है और आकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा करने में 25 करोड़ वर्ष का समय लगता है
सूर्य का रासायनिक संघठन- 71% हाइड्रोजन 27% हिलियम तथा 2% अन्य 70 भारी तत्व की मात्रा का है, सूर्य के केंद्र का तापमान1.60 करोड़ केल्विन(2.90 करोड़ डिग्री फॉरेनहाइट) इसकी सतह का तापमान5800 केल्विन. कोरोना जो सूर्य का सबसे प्रकाशमान भाग है इस का तापमान 1800000 डिग्री फॉरेनहाइट है, सूर्य की दिखाई देने वाली 17 को प्रकाश मंडल या फोटो sphere कहते हैं, प्रकाश मंडल से ठीक ऊपर 2000 से लेकर 3000 किलोमीटर मोटी परत को क्रोमोस्फीयर कहते हैं, प्रकाश मंडल में तापमान 5500 डिग्री सेंटीग्रेड रहता है जो बढ़कर क्रोमोस्फीयर में 9700 डिग्री सेंटीग्रेड हो जाता है#vinayiasacademy.com