विश्व स्वास्थ्य संगठन पर विस्तार पूर्वक वर्णन करें?
विश्व स्वास्थ संगठन विश्व के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर आपके सहयोग एवं मानव को स्वास्थ्य संबंधी समाज विकसित कराने की संस्था है। विश्व स्वास्थ संगठन के 194 सदस्य देश तथा दो संबंध सदस्य हैं। यह संयुक्त राष्ट्र संघ की एक इकाई है। इस संस्था की स्थापना 7 अप्रैल 1948 को की गई थी इसका उद्देश्य संसार के लोगों के स्वास्थ्य का स्तर ऊंचा करना है। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जेनेवा शहर में स्थित है। इथोपिया के डॉक्टर टेडरोज एड्रेनो गैबरेयेसस विश्व स्वास्थ्य संगठन के नए महानिदेशक निर्वाचित हुए हैं। भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक सदस्य देश है और इसका भारतीय मुख्यालय भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है।
अंतरराष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन मूल रूप से 23 जून 1951 को डब्ल्यूएचओ के पहले पूर्ववर्ती थे। 14 सम्मेलनों की एक श्रृंखला जो अट्ठारह सौ इक्यावन से 1938 तक चली अंतरराष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन होने कई बीमारियों का मुकाबला करने का काम किया उनमें से मुख्य थे, और पीला बुखार। 5 साल बाद प्ले के लिए एक सम्मेलन पर हस्ताक्षर किया गया था। प्ले की सफलताओं के परिणाम स्वरूप pan-american सेनेटरी ब्यूरो और ऑफिस इंटरनेशनल डी हाइगने पब्लिकली जल्द ही स्थापित हो गए। 1920 में जब लीग ऑफ नेशंस का गठन किया गया तो उन्होंने राष्ट्र संघ के स्वास्थ्य संगठन की स्थापना की। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र डब्ल्यूएचओ के गठन के लिए अन्य सभी स्वास्थ्य संगठनों का और शोषण किया। अंतरराष्ट्रीय संगठन पर 1945 के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में भावेश पटेल, चीन गणराज्य के एक प्रतिनिधि ने नार्वे और ब्राजील के प्रतिनिधियों को एक इंटरना बनाने पर सम्मानित किया। इस विषय पर एक प्रस्ताव पारित करने में विफल रहने के बाद अल्जीरिया हिस मिलन के महासचिव ने इस तरह के एक संगठन की स्थापना के लिए एक घोषणा का उपयोग करने की कोशिश की। फ्रेश और अन्य प्रतिनिधियों ने पैरवी की और स्वास्थ्य पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के लिए एक घोषणा पारित की। विश्व शब्द के उपयोग में अंतरराष्ट्रीय के बजाय वास्तव में बेसिक प्रकृति पर जोर दिया कि संगठन क्या हासिल करना चाहता था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के संविधान पर 22 जुलाई 1946 को संयुक्त राष्ट्र के सभी एका 1 देशों और 10 अन्य देशों ने हस्ताक्षर किए थे इस प्रकार या संयुक्त राष्ट्र की पहली विशिष्ट एजेंसी बन गई जिसके प्रत्येक सदस्य ने सदस्यता ली संविधान औपचारिक रूप से पहली विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल 1948 को लागू हुआ जब इसे 26 सदस्य राज्य द्वारा अनुमोदित किया गया था।

विश्व स्वास्थ्य सभा की पहली बैठक 24 जुलाई 1947 को समाप्त हुई। एंड्रिजा अरटामपर विधान सभा के पहले अध्यक्ष थे और जी ब्लॉक चिशोल्म को डब्ल्यूएचओ का महानिदेशक नियुक्त किया गया था। जिसने नियोजन चरणों के दौरान कार्यकारी सचिव के रूप में कार्य किया था। इसकी पहली प्राथमिकता मलेरिया, तपेदिक और यौन संचारित संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने और मात्री और बाल स्वास्थ्य पोषण को नियंत्रित करने के लिए थी। का पहला विधाई कार्य बीमारी के प्रसार और योग्यता पर सटीक आंकड़ों के संकलन से संबंधित था विश्व स्वास्थ्य संगठन का लोगो चिकित्सा के लिए प्रतीक के रूप में रोड ऑफ एक सीरियस की सुविधा देता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का इतिहास
1945 में सैन फ्रांसिस्को सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र के गठन के समय ही विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्माण की कल्पना कर ली गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन उन सभी अंतरराष्ट्रीय स्वच्छता आयोग के प्रयासों के परिणाम के रूप में सामने आया जी ने 19वीं शताब्दी में संक्रामक रोगों की रोकथाम तथा उपचार हेतु बनाया गया था जहां एक तरफ पूर्व में बनाए गए संगठनों का उद्देश्य किसी संक्रामक रोग को एक विशेष राष्ट्र तथा क्षेत्र से बाहर रखना होता था वहीं दूसरी तरफ विश्व स्वास्थ्य संगठन का उद्देश्य किसी संक्रामक बीमारी को जड़ से खत्म करना होता है फिर चाहे वह विश्व की किसी भी राष्ट्र तथा भाग में फैला हुआ हो। 21 वी शताब्दी के प्रारंभ में विश्व स्वास्थ्य संगठन की इमरजेंसी टीम जिसमें की कुशल डॉक्टरों को शामिल किया गया को किसी नई संक्रमण की बीमारी जैसे कि श्वसन संबंधी रोग फ्लू इत्यादि वाले क्षेत्र में उपचार हेतु भेजा गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन अपने सदस्य राष्ट्रों में स्वास्थ्य विद्या बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य और तथा केंद्र वादी का निर्माण भी करवाता है।
1947ः डब्ल्यूएचओ ने 1950 तक एक जन तपेदिक टीका बीसीजी वैक्सीन का उपयोग कर इनको लेशन ड्राइव के माध्यम से एक महामारी विज्ञान सूचना सेवा की स्थापना की थी।
1955 में मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम शुरू किया गया था इसके बाद इसके उद्देश्य में बल दिया गया था। 1955 में मधुमेह मेलेटस और कैंसर पर अनुसंधान के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसी की पहली रिपोर्ट देखी गई।
1958 मैं विक्टर जाटनी यूएसएसआर के लिए स्वास्थ्य मंत्री, विश्व स्वास्थ्य सभा को संक्रामक रोगों के उन्मूलन के लिए एक वैश्विक पहल करने के लिए एक नई परिकल्पना लाए।
1966 में डब्ल्यूएचओ ने अपने मुख्यालय को पैलेस ऑफ नेशंस से जिनेवा में एक नवनिर्मित मुख्यालय में स्थानांतरित कर दिया।
डब्ल्यूएचओ ने प्रयास में लाना 2.4 मिलियन डॉलर का योगदान करके वैश्विक चेचक उन्मूलन को 1967 में और तेज किया। डब्ल्यूएचओ की टीम ने प्रारंभिक समस्या चेचक के मामलों की अपर्याप्त रिपोर्टिंग की तथा सलाहकारों के साथ एक नेटवर्क स्थापित किया जिन्होंने निगरानी और नियंत्रण गतिविधियों को स्थापित करने में देशों की सहायता की। डब्ल्यूएचओ ने आखिरी यूरोपीय प्रकोप को रोकने में मदद की 1972 में युगोस्लाविया चेचक से लड़ने के दो दशक के बाद 1979 में यह घोषणा की कि इस बीमारी का उन्मूलन हो गया है यह मानव प्रयास से समाप्त होने वाला इतिहास का पहला रोग था।

1967ः डब्ल्यूएचओ ने ट्रॉपिकल डिजीज इज में रिसर्च एंड ट्रेनिंग के लिए स्पेशल प्रोग्राम लॉन्च किया और वर्ल्ड हेल्थ असेंबली ने डिसेबिलिटी प्रीवेंशन एंड रिहा बी पर एक रेजोल्यूशन लागू करने के लिए वोट किया।
1974ः टीकाकरण पर विस्तारित कार्यक्रम पर काम शुरू किया जिसमें खाद्य और कृषि संगठन, ए एस ओ तथा यूनाइटेड एंनके बीच में एक महत्वपूर्ण साझेदारी की गई।
1977ः आवश्यक दवाओं की पहली सूची तैयार की गई और उसके 1 साल बाद स्वास्थ्य के सभी का महत्व कांची लक्ष्य घोषित किया गया।
1986ः डब्ल्यूएचओ ने एचआईवी पर अपना वैश्विक कार्यक्रम शुरू किया तथा 2 साल बाद पीड़ितों के खिलाफ भेदभाव को रोकने के लिए और 1998 में यूएन एड्स का गठन किया।
1988ः ग्लोबल पोलियो उन्मूलन पहल की स्थापना की गई।
2001ः खसरा पहल का गठन किया गया और 2007 तक बीमारी से वैश्विक मौतों को 68% तक कम करने का लक्ष्य लिया गया।
2002ः ग्लोबल फंड टू फाइट एड्स, ट्यूबरक्लोसिस और मलेरिया उपलब्ध संसाधनों को बेहतर बनाने के लिए कार्यक्रम तैयार किया जाने लगा।
2006ः संगठन ने जिंबाब्वे के लिए दुनिया के पहले आधिकारिक एचआईवी/ एड्स टूल किट समर्थन किया जिसने वैश्विक रोकथाम उपचार और एक महामारी से लड़ने की योजना का आधार बनाया।
2009ः इस समय डब्ल्यूएचओ यह करना चाहा कि 15 से 24 वर्ष की आयु के उन लोगों की( एचआईवी संक्रमित) संख्या को कम करना जो 50% इससे ज्यादा संक्रमित है और 90% बच्चों में नए एचआईवी संक्रमण को कम करना।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अन्य प्रयास भी किए गए जैसे उसने कैंसर से निपटने के लिए भी अन्य प्रयासों में वृद्धि की जो समृद्ध राष्ट्र की तरह विकासशील देशों में भी मौत का कारण बन रहा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यः
- अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संबंधी कार्यों पर निर्देशक एवं समन्वय प्राधिकरण के रूप में कार्य करना।
- संयुक्त राष्ट्र के साथ विशेष एजेंसियों, सरकारी स्वास्थ्य प्रशासन, पेशेवर समूहों और ऐसे अन्य संगठनों जो स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी है के साथ प्रभावी सहयोग स्थापित करना एवं उसे बनाए रखना।
- सरकारों के अनुरोध पर स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए सहायता प्रदान करना।
- ऐसे वैज्ञानिक और पेशेवर समूह के मध्य सहयोग को बढ़ावा देना जो स्वास्थ्य प्रगति के क्षेत्र में योगदान करते हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन का संचालन करने वाली संस्थाएंः
- विश्व स्वास्थ्य सभाः
- विश्व स्वास्थ्य सभा सदस्य राष्ट्रों का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रतिनिधियों से बनी होती है। प्रत्येक सदस्य का प्रतिनिधित्व अधिकतम 3 प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है जिनमें से किसी एक को मुख्य प्रतिनिधि के रूप में निर्मित किया जाता है इन प्रतिनिधियों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनकी तकनीकी क्षमता के आधार पर सबसे योग्य व्यक्तियों में से चुना चाहता है क्योंकि यह सदस्य राष्ट्र के राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रशासन का अधिमान्य प्रतिनिधित्व करते हैं। विश्व स्वास्थ्य सभा की बैठक नियमित वार्षिक सत्र और कभी-कभी विशेष सत्रों में की जाती है।
- विश्व स्वास्थ्य सभा के कार्यः
- विश्व स्वास्थ्य सभा विश्व स्वास्थ्य संगठन की नीतियों का निर्धारण करती है।
- यह संगठन की वित्तीय नीतियों की निगरानी करती है बजट की समीक्षा तथा अनुमोदन करती है।
- या डब्ल्यूएचओ तरह संयुक्त राष्ट्र के मध्य होने वाली किसी भी समझौते के संदर्भ में आर्थिक एवं सामाजिक परिषद की रिपोर्ट तैयार करती है।

सचिवालयः सचिवालय में महानिदेशक और ऐसे तकनीकी एवं प्रशासनिक कर्मचारी शामिल किए जाते हैं जिनके संगठन के लिए आवश्यकता हो। विश्व स्वास्थ्य सभा द्वारा निर्धारित शर्तों के अनुरूप बोर्ड द्वारा नामांकन के आधार पर विश्व स्वास्थ्य सभा के महानिदेशक की नियुक्ति की जाती है।
वैश्विक स्वास्थ्य चिंता एवं विश्व स्वास्थ्य संगठनः
पूरे विश्व में प्रतिदिन 10 में से 9 लोग प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं। वर्ष 2019 में डब्ल्यूएचओ द्वारा वायु प्रदूषण को स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा पर्यावरणीय जोखिम माना गया है। 764 श्वसन और रक्त संचार तंत्र में प्रवेश कर फेफड़ों हृदय मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे कैंसर, ह्रदय और फेफड़ों की बीमारी जैसे रोगों से प्रतिवर्ष 7 मिलीयन लोगों की असामयिक मौत हो जाती है । वर्ष 2030 से वर्ष 2050 के दौरान जलवायु परिवर्तन के कारण प्रतिवर्ष कुपोषण, मलेरिया, डायरिया और हीट स्ट्रेस से 250000 अतिरिक्त मौत होने की संभावना की गई है।