विश्व व्यापार संगठन के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करें?
विश्व व्यापार संगठन की स्थापना 1 जनवरी 1995 को हुई थी। औपचारिक रूप से क्या 1995 के अंत में भंग कर दिया गया और मराठी समझौते में गेट के संपर्क दलों को दिसंबर 1996 तक ने संगठन में मूल सदस्य के रूप में शामिल होने की अनुमति दी। विश्व व्यापार संगठन अनेक देशों के बीच व्यापार के नियमों के संदर्भ में एक संगठन है जो कि उनके मध्य के अनेक व्यापारी गतिविधियों को अंजाम देने में ना केवल मदद करता है बल्कि व्यापारिक कार्यक्रमों के संदर्भ में अनेक गतिविधियों को अंजाम देता है। या विश्व के देशों के बीच एक व्यापार के संदर्भ में बेसिक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। इस संस्था का मूल उद्देश्य व्यवसायिक गतिविधियों को अंजाम देने, माल और सेवाओं के आयात करने, आयातकों और निर्यातकों को अनेक सुविधाएं देने आदि के संदर्भ में अनेक सुविधाएं उपलब्ध करना है।
विश्व व्यापार संगठन के कार्यः
- विश्व व्यापार संगठन के महत्वपूर्ण कार्यों का उल्लेख निम्नलिखित प्रकार से किया जा सकता है
- या विश्व व्यापार समझौता एवं बहुत अच्छी है तथा बहुवचन या समझौतों के कार्यान्वयन, प्रशासन एवं परीक्षा हेतु सुविधाएं प्रदान करता है।
- व्यापार और प्रसिद्ध से संबंधित किसी भी भावी मसले पर सदस्यों के बीच विचार-विमर्श हेतु एक मंच के रूप में कार्य करता है।
- विवादों के निपटारे से संबंधित नियमों और प्रक्रियाओं को प्रसारित करता है।
- वैश्विक आर्थिक नीति निर्माण में अधिक सामंजस्य भाव लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष एवं विश्व बैंक से सहयोग करता है।
- विश्व व्यापार संगठन की सदस्यता और मुख्यालयः विश्व व्यापार संगठन एक ऐसा विश्व स्तरीय संगठन है जो विश्व व्यापार के लिए दिशानिर्देशों को जारी करता है और सदस्य देशों को जरूरत के मुताबिक ऋण उपलब्ध कराता है। भारत का एक संस्थापक सदस्य देश है वर्तमान में इसके 164 सदस्य हैं।
डब्ल्यूटीओ की सबसे बड़ी संस्था मंत्री स्तरीय सम्मेलन है, यह प्रत्येक 2 वर्ष में अन्य कार्यों के साथ संस्था के महासचिव और मुख्य प्रबंधन करता का चुनाव करती है। डब्ल्यूटीओ का मुख्यालय गरिमा के स्विट्जरलैंड में है। इसके मुख वर्तमान महानिदेशक रॉबर्ट एजुबेरो हैं।

डब्ल्यूटीओ की संरचना
डब्ल्यूटीओ की मूल संरचना में निम्नलिखित निकाय सम्मिलित हैंः
मंत्री स्तरीय सम्मेलन– इसमें सभी सदस्य देशों के अंतरराष्ट्रीय व्यापारी मंत्री होते हैं। यह संगठन की रणनीतिक दिशा तय करने और अपने अधिकार क्षेत्र के तहत समझौतों पर सभी अंतिम निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार होता है।
जनरल काउंसिल– इसमें सभी सदस्य देशों के वरिष्ठ प्रतिनिधि होते हैं। यह डब्ल्यूटीओ के रोजाना कारोबार और प्रबंधन की देखरेख के लिए जिम्मेदार होता है। ज्यादातर मामलों के लिए डब्ल्यूटीओ का फैसला करने वाला मुख्य अंग है।
व्यापार नीति समीक्षा निकायः इसमें सभी डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्य होते हैं और यह ग्रुप में राउंड के बाद बने व्यापार नीति समीक्षा तंत्र की देखरेख करता है। यह सभी सदस्य क्योंकि आर्थिक समीक्षा करता है।
विवाद निपटान निकायः जिन देशों के बीच व्यापार संबंधी कोई विवाद होता है तो वह इसी निकाय के सामने अपील कर न्याय मांगते हैं यह सभी डब्ल्यूटीओ समझौता के लिए विवाद समाधान प्रक्रिया के कार्यान्वयन और प्रभावशीलता एवं डब्ल्यूटीओ विवादों पर दिए गए फैसलों के कार्यान्वयन की देखरेख करता है।
वस्तु एवं सेवा में व्यापार पर परिषदः यह जनरल काउंसिल के जनादेश के तहत काम करती है और इसमें सभी सदस्य देश शामिल रहते हैं यह वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार पर हुए आम विशेष समझौते के विवरणों की समीक्षा के लिए तंत्र प्रदान करता है।

विश्व व्यापार संगठन के उद्देश्यः
- एक देश को अपने व्यापार भागीदारों के बीच भेदभाव नहीं करना चाहिए और इसे अपने और विदेशी उत्पादों सेवाओं और नागरिकों के बीच भी भेदभाव नहीं करना चाहिए।
- व्यापार को प्रोत्साहित करने के सबसे स्पष्ट तरीकों में से एक है व्यापार बाधाओं को कम करना। इन बाधा में शामिल है सीमा शुल्क और आया प्रतिबंध या कोटा जो मात्रा को चुनिंदा तरीके से प्रतिबंधित करता है।
- अनुचित प्रथाओं को हतोत्साहित करना जैसे बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए निर्यात सब्सिडी और डंपिंग उत्पादों की लागत कम कर देना मुझे जटिल है और नियम क्या सही है और क्या गलत है की स्थापना करने की कोशिश करते हैं और सरकारी कैसी प्रतिक्रिया करती है खासकर अनुचित व्यापार द्वारा हुए नुकसान की भरपाई के लिए अतिरिक्त शुल्क लेकर।
- विदेशी कंपनियों और सरकारों को व्यापार बाधाओं को मनमाने ढंग से नहीं बढ़ाया जाना सुनिश्चित करना चाहिए। एवं कुर्बान मेहता के साथ निवेश प्रोत्साहित होता है और रोजगार के अवसर बनते हैं।
डब्ल्यूटीओ के कार्यः
डब्ल्यूटीओ का संचालन उसके सदस्य देशों की सरकारें करती हैं। सभी फैसले सदस्यों द्वारा चाहे वह मंत्री हो या उनके राजदूत या प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है। अपनी गतिविधियों को समन्वित करने के लिए या बिना अपने सचिवालय द्वारा काम नहीं कर सकता सबसे अधिक कर्मचारी काम करते हैं जो डब्ल्यूटीओ के सदस्य को अन्य बातों के अलावा दैनिक आधार पर वार्तालाप प्रक्रिया के सुचारू होने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के नियमों को सही तरह से लागू करना सुनिश्चित करना सिखाते हैं।
- व्यापार वार्ताः डब्ल्यूटीओ समझौते वस्तुओं सेवाओं और बौद्धिक संपदा को खबर करता है। इसमें व्यक्तिगत देशों की कम सीमा शुल्क टैरिफ और अन्य व्यापार बाधाओं के प्रति प्रतिबद्धता एवं सेवा बाजार को खोलने एवं उसे खुला रखना शामिल है। विवादों के निपटान के लिए प्रक्रियाओं का निर्धारण करते हैं।
- कार्यान्वयन और निगरानीः डब्ल्यूटीओ समझौते के तहत सरकारों को लागू कानूनों एवं अपनाए गए उपायों के बारे में डब्ल्यूटीओ को सूचित कर अपनी व्यापार नीतियों को पारदर्शी बनाने की आवश्यकता होती है। डब्ल्यूटीओ के कई परिषद और समितियां इस बात को सुनिश्चित करती है कि नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं और डब्ल्यूटीओ के समझौतों का कार्यान्वयन उचित तरीके से हो रहा है या नहीं।
- आउटरीचः डब्ल्यूटीओ सहयोग को बढ़ाने एवं संस्था की गतिविधियों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए गैर सरकारी संगठनों, सांसदों, मीडिया आम जनता अलग-अलग पहलुओं एम चालू दोहा माता पर नियमित तौर पर बातचीत करते रहता है।
- व्यापार क्षमता का निर्माणः डब्ल्यूटीओ के समझौतों में विकासशील देशों के लिए विशेष प्रावधान है। इसमें समझाओ तो और प्रतिबद्धताओं को लागू करने के लिए अधिक समय उनके व्यापार अवसरों को बढ़ाने के लिए उपाय और उनके व्यापार क्षमता के निर्माण निपटने को मदद करने के लिए समर्थन देना शामिल है। डब्ल्यूटीओ प्रतिवर्ष विकासशील देशों के लिए तकनीकी सहायता मिशन ओं का आयोजन करता है। साथिया सरकारी अधिकारियों के लिए जेनेवा में हर वर्ष कई पाठ्यक्रम भी आयोजित करता है।
- विवादों का निपटाराः यदि किसी देश या की निर्देशों को लगता है कि समझौते के तहत उनके अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है तो वे उस विवाद को डब्ल्यूटीओ में ले जाते हैं। विशेष रूप से नियुक्त किए गए स्वतंत्र विशेषज्ञों द्वारा किए गए फैसले समझौते की व्याख्यान अलग-अलग देशों की प्रतिबद्धताओं पर आधारित होते हैं।

विश्व व्यापार संगठन का असर आर्थिक गतिविधि पर होना है चाहे व्यापार सेवा हो या उत्पादन। डब्ल्यूटीओ व्यवस्था से उन देशों को ज्यादा लाभ मिलेगा जो चल रही वार्ता में अधिक चतुराई दिखाते हैं। विश्व व्यापार संगठन के अस्तित्व में आने से आर्थिक नीतियों के उदारीकरण एवं अंतरराष्ट्रीय करण की वकालत करने वाली विचारधाराएं ना केवल मजबूत हुई है बल्कि एक मजबूत कानूनी जामा पहन चुकी है। जो रास्ते अभी भी इस पर बात भी कर रहे हैं वे ना तो अपने उद्योगों को भला कर पा रहे हैं और ना ही अपने राष्ट्र का। धोनी की महत्वता को समझ लिया है लेकिन इसे अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में आगे बढ़ रहे हैं और विजई हो रहे हैं। विश्व समुदाय के लिए विश्व व्यापार संगठन कितना अधिक उपयोगी होते हुए भी अपनी मंजिल पाने में असफल रहा है।
विश्व व्यापार संगठन की स्थापना के समय जो समझाते हुए विश्व व्यापार संगठन का एजेंडा कहा जाता है। इन समझौतों में विकसित देशों ने यह वादा किया था कि विकृति को दी जाने वाली अपनी सब्सिडी में भारी कमी करेंगे और विकासशील देश अपने कृषि उत्पादों को विकसित देशों में बेच पाएंगे। भारत सरकार द्वारा दिए प्रसारित किया था कि भारत के फल फूल सब्जियां और अन्य नगदी फसलें विदेशों में बेचकर भारत के किसानों को भारी फायदा होगा, लेकिन पिछले 20 वर्षों का अनुभव हमें यही बताता है कि भारत के किसानों को विश्व व्यापार संगठन से कोई अधिक लाभ नहीं हुआ है। विकसित देशों ने अपनी सब्सिडी घटाने के बजाय चार गुनी बढ़ा दी है। विकासशील देशों में विश्व व्यापार संगठन के समझौतों को उनकी कृति की बदहाली का मुख्य कारण माना जाता है विश्व व्यापार संगठन के पिछले सम्मेलनों में विकसित देशों को विकासशील देशों की सरकारों का ही नहीं बल्कि जन संगठनों का भी भारी विरोध झेलना पड़ा है।
विश्व व्यापार संगठन के लाभः
- लागत में कटौती और जीवन स्तर में सुधार।
- विवादों को निपटाने और व्यापार तनाव में कमी।
- आर्थिक विकास और रोजगार को प्रोत्साहन।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार कर की लागत में कटौती।
- कमजोर को एक मजबूत आवाज देना।
- पर्यावरण और स्वास्थ्य का समर्थन।
- शांति और स्थिरता के लिए योगदान।