झारखंड में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के खनिज संसाधन?
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संपूर्ण भारत में खनिज उत्पादन के मामले में झारखंड को पहला स्थान प्राप्त है। संपूर्ण भारत में खनिज उत्पादन का झारखंड 40% उत्पन्न करता है राजू को केवल खनन उद्योग से ₹3000 की कमाई होती है।
झारखंड के मुख्य खनिज भंडार
कोयलाः 76712 मिलियन टन
हेमेटाइटः 4036 मिलियन टन
मैग्नेटाइटः 1026 मिलियन टन
चूना पत्थरः 746 मिलियन टर्न
बॉक्साइटः 118 मिलियन टन
काईनाइटः 5.7 मिलियन टन
ग्रेफाइटः 10.34 मिलियन टन
अग्नि मिट्टी: 66.8 मिलियन टन
अभ्रकः 1665 मिलियन टन

खनिजों का जिले के अनुसार वितरण
धनबादः कोयला, अग्नि मिट्टी, आलू पत्थर
गिरिडीहः कोयला, चूना पत्थर, बालू पत्थर
बोकारोः कोयला, चूना पत्थर, बालू पत्थर
हजारीबागः कोयला, चूना पत्थर, फायर क्ले, कीमती एवं अर्ध कीमती पत्थर
चतराः कोयला, अर्ध कीमती पत्थर
कोडरमाः अभ्रक, बालू पत्थर, अर्ध कीमती पत्थर
पलामूः कोयला, चूना पत्थर, बालू पत्थर, चाइना क्ले, ग्रेफाइट, मैग्नेटाइट, ईट पत्थर, मार्बल, ग्रेनाइट
लातेहारः कोयला, फायर क्ले, फेल्सपार, मैग्नेटाइट, चूना पत्थर, बालू पत्थर, मार्बल
रांचीः कोयला, चूना पत्थर, फायर प्ले, चाइना क्ले, ग्रेनाइट
पश्चिमी सिंहभूमः लौह अयस्क, मैग्नेट, क्रोमाइट, चुना पत्थर, पीली मिट्टी, सिलिका सैंड, बालू पत्थर
पूर्वी सिंहभूमः कॉपर अयस्क, काईनाइट, यूरेनियम, चांदी, बालू पत्थर
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झारखंड को रतनगर्भा के नाम से भी जाना जाता है। इसे भारत का रूर प्रदेश भी कहा जाता है। संपदा से संपन्न भूमि है तथा अधिकांशत आकियन खनिज पदार्थ मिलते हैं। खनिज उत्पादन की दृष्टि से झारखंड का भारत में प्रथम स्थान है। कोयले भंडार में भी झारखंड का ठाणे क्यों किया लगभग 33% कोयला उत्पादन करता है। झारखंड में प्रथम बार कोयला खान का प्रारंभ झरिया में हुआ था झारखंड में कोयले की प्राप्ति गोंडवाना क्रम केके चट्टानों से की जाती है। झारखंड में धरवार प्रकार के लौह अयस्क की चट्टाने मिलती है। झारखंड का पश्चिमी सिंहभूम जिले में लौह अयस्क उत्पादन के लगभग 100% के साथ यह राज्य का सबसे बड़ा उत्पादक क्षेत्र है। अभ्रक उत्पादन की दृष्टि से झारखंड का भारत में चतुर्थ स्थान है क्योंकि यहां 90% अब रख पाया जाता है सर्वाधिक चूना पत्थर की प्राप्ति हमें रांची तथा हजारीबाग जिले से होती है। vinayiasacademy.com