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ई-कॉमर्स से भारतीय अर्थव्यवस्था में क्या सुधार आया है?
कॉमर्स कंपनियों ने देश भर में लॉक डाउन के समय में कौन सी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इसका वर्णन करें वर्णन करें ।

पूरे विश्व में कोरोना वायरस के कारण अर्थव्यवस्था में बहुत बुरा असर पड़ा साथ ही भारत में भी इस वायरस के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हुआ है। बता दें कि इस कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण प्रधानमंत्री मोदी जी ने 22 मार्च को 3 सप्ताह का लॉक डाउन कर दिया । जिसके बाद छोटे से लेकर बड़े बाजार तक बंद हो गए और कामकाज ठप पड़ गया। जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था काफी असर पड़ा। ऐसे हालात में देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने में ई-कॉमर्स कंपनियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, ई-कॉमर्स कंपनियों ने ने केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व भर में में आवश्यक वस्तुओं से लेकर सामान्य वस्तुओं तक की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा बिना जान की परवाह किए लोगों तक जरूरतों के सामान को सुरक्षित ढंग से पहुंच गया। उसके बाद भारत सरकार सरकार के उपभोक्ता उपभोक्ता कार्य मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों में इन कंपनियों के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने का आग्रह किया। कई राज्यों में कर्फ्यू जैसे हालात होने के बावजूद भी आवश्यक चीजों को ई-कॉमर्स कंपनी द्वारा सुरक्षित रूप से लोगों तक पहुंचाया गया ई-कॉमर्स कंपनी जैसे अमेजॉन, फ्लिपकार्ट , मिंत्रा ,स्नैपडील, आदि पहले महानगरों पर ही फोकस ही फोकस दिया करती थी परंतु कोरोना संक्रमण में होने के बाद सभी शहरों पर ध्यान दिया और उनके आपूर्ति बढ़ते गए। यहां तक कि छोटे शहरों में भी सामान मंगाए जाने लगे।


ई-कॉमर्स के जरिए देश के सुदूर इलाकों व लघु उद्योगों में भी इसके जरिए सामान बेचने का मौका मिला एवं ऐसे उद्यम जिनके पास मार्केटिंग का कोई जरिया नहीं था परंतु वे अपना उत्पाद बेच पा रहे हैं.अगर यह कहा जाए कि ई- कॉमर्स ने अर्थव्यवस्था में कारोबार को एक मजबूती प्रदान की है तो यह गलत नहीं होगा ।
हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत में अगले आने वाले 5 वर्षों में रिटेल मार्केट में 30- 35 करोड़ खरीदार होंगे एवं 2025 तक 100 से 120 अरब डॉलर का सामान हर साल बेच पाएंगे ।
अमेजॉन द्वारा लोकल दुकानदारों से हाथ मिलाने की योजना बनाई जिससे कि माल की बिक्री हो सके उन्होंने इसका नाम “लोकल शॉप ऑन अमेज़न” दिया है इसके अलावा फ्लिपकार्ट द्वारा भी 37,000 स्थानीय किराना दुकानों से करार किया गया है।
इस प्रकार देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने में ई-कॉमर्स कंपनियों ने अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान दिया है।


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