1.नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 क्या है ? 2. नई शिक्षा नीति में 5+ 3+ 3+ 4 का अर्थ क्या है ? 3. नई शिक्षा नीति में स्नातक और स्नातकोत्तर में क्या बदलाव किया गया है ? 4. नई शिक्षा नीति 2020 में B.Ed और अन्य तकनीकी विषय को कैसे पढ़ सकते हैं ? 5. नई शिक्षा नीति का उद्देश्य क्या है और इससे भारत के पाठ्यक्रम शैक्षणिक व्यवस्था में क्या सुधार होगा ? 6. क्या भारत में 34 वर्षों के बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की आवश्यकता थी तो क्यों? विश्लेषण कीजिए
Vinayiasacademy.com
भारत में 34 वर्षों के बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में लाई गई। मुख्य रूप से अगर देखा जाए तो शिक्षा नीति के उद्देश्य को पूरा करने के लिए बेहतरीन और अनुभवी शिक्षक, ट्रेंड सलाहकार ,आधारभूत संरचना और लोगों की विचारधारा को परिवर्तन करना महत्वपूर्ण है ।खास तौर पर इस शिक्षा नीति में भारत की उन चीजों को विषय में शामिल करना है।
Vinayiasacademy.com
जो ऐतिहासिक होकर भी तथ्य के रूप में नहीं जाने गए हैं। भारत की भौगोलिक और आर्थिक विषमता पर, आर्थिक सर्वश्रेष्ठता के बाद भी सिलेबस में जगह नहीं मिला है। इसी प्रकार से भारतीय दर्शन ,भारतीय विचार ,संस्कृति ,सभ्यता से लेकर वैसे महत्वपूर्ण राजा और समाज की अवधारणा जो भारत के करोड़ों लोगों को जानना जरूरी है, पिछले कई वर्षों में अंग्रेजी माध्यम के शिक्षा के कारण लगातार भारतीय अपनी सभ्यता और संस्कृति से दूर होते जा रहे थे ।यहां पर पढ़ाई और किताबी ज्ञान को ही महत्वपूर्ण माना जा रहा था, वहीं दूसरी ओर व्यवहारिक शिक्षा, सैद्धांतिक शिक्षा, मानवता आधारित शिक्षा कम होता जा रहा था ।
Vinayiasacademy.com
ऐसे नैतिक मूल्यों को बचाने के लिए, बच्चों का सर्वांगीण विकास करने के लिए, उनके ऊपर से मानसिक बोझ को कम करने के लिए आर्थिक दृष्टिकोण से कमजोर माता-पिता के बच्चों के लिए इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सामग्री और तथ्य दिए गए ,3 साल से लेकर 18 वर्ष तक विद्यालय की शिक्षा चाहिए। यहां पर गांधीवादी विचारधारा को सामने लाया जाए। अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त किया जा सकता है। जिसमें 3 साल प्राथमिक एलकेजी यूकेजी और नर्सरी की ट्रेनिंग हो तथा पहला और दूसरा क्लास की पढ़ाई होगी इसलिए इसे 5 साल का कोर्स कहा जा रहा है के बाद अगला 3 साल का अर्थ है कक्षा 3 ,4 और 5 की पढ़ाई और उसके बाद अगला 3 साल का अर्थ है कक्षा 6, 7 और 8 की पढ़ाई और उसके बाद सेकेंडरी स्तर पर जो 4 साल है इसका अर्थ कक्षा 9 ,10, 11 और 12
Vinayiasacademy.com

कक्षा 5 तक मातृभाषा या कोई भी स्थानीय भाषा आवश्यक है ।पर अगर यह संभव हुआ तो कक्षा 8 तक संस्कृत तमिल तेलुगू और कन्नड़ में भी पढ़ाई की जा सकती है। इसी प्रकार से बोर्ड की परीक्षा दो बार होगी इसमें क्षमता का आकलन होगा। इंप्रूवमेंट परीक्षा भी होगी और यह 2022- 23 के सत्र से शुरू हो जाएगा। अगर राज्य सरकार चाहती है तो वह कक्षा 3 कक्षा 5 और कक्षा 8 में भी परीक्षा ले सकती है ।स्नातक की बात की जाए तो पहला वर्ष की पढ़ाई करने के बाद अगर क्लास छूट जाता है तो सर्टिफिकेट कोर्स की डिग्री मिल जाएगी, लेकिन दूसरे वर्ष तक करने पर एडवांस सर्टिफिकेट कोर्स की डिग्री मिलेगी और तीसरा डिग्री कोर्स कहा जाएगा चौथा डिग्री कोर्स शोध या रिसर्च के साथ होगा। इसी प्रकार से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए 2 साल का कोर्स होगा। उनके लिए जिसने 3 साल का डिग्री कोर्स किया है 1 साल का पोस्ट ग्रेजुएशन उनके लिए है जो 4 साल का डिग्री शोध किए हैं 5 साल का पोस्ट ग्रेजुएशन उनके लिए जो इंटीग्रेटेड कोर्स में दाखिला लिए यानी कि स्नातक और पोस्ट ग्रेजुएशन एक साथ करेंगे इसी प्रकार से पीएचडी को 4 वर्ष का बनाया गया है। अगर कोई छात्र या छात्रा किसी कॉलेज से 1 वर्ष की पढ़ाई कर लेते हैं और उसके बाद वह चाहते हैं कि दूसरे विश्वविद्यालय में जाएंगे तो इसमें मोबाइल के जैसा पोर्टेबिलिटी की सुविधा भी दी गई। स्कूल एवं छात्र का अनुपात को बढ़ाया जा रहा है जिससे बड़ी संख्या में टीचर की वैकेंसी आएगी और लोगों को रोजगार भी मिलेगा। स्थानीय समस्या समाज में जो लोग सफल हुए हैं
Vinayiasacademy.com
जिन्होंने देश का नाम रोशन किया है विज्ञान के क्षेत्र में जो प्रगति हुई है सामाजिक समस्या को दूर करने के लिए जो उपाय खोजे गए हैं इन सारी चीजों को अब पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। छात्र छात्राओं को एक विदेशी भाषा सीखने की भी छूट होगी। यह कोशिश की गई है कि तकनीकी आधारित शिक्षा हो जैसा कि सिंगापुर और अमेरिका में है, जिसके बाद स्टूडेंट सिर्फ डिग्री लेकर बैठे नहीं रहे बल्कि वह उस क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं
Vinayiasacademy.com