Share it

1) भारतीय उपमहाद्वीप में कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य कहाँ से प्राप्त हुए हैं?

(a) लोथल   (b) हड़प्पा    (c) मेहरगढ़    (d) मुण्डिगाक

व्याख्या (c) भारतीय उपमहाद्वीप में कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य मेहरगढ़ (पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त में स्थित) से प्राप्त हुए हैं। मेहरगढ़ से 7000 ई.पू. के गेहूँ के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं, जबकि प्राचीनतम चावल के साक्ष्य कोल्डिहवा (प्रयागराज) से प्राप्त हुए हैं। यहाँ से 6500 ई.पू. के चावल की भूसी के साक्ष्य भी मिले हैं।

2) मानव द्वारा सर्वप्रथम प्रयुक्त अनाज था

(a) गेहूँ   (b) चावल   (c) जौ  (d) बाजरा

व्याख्या (c) मानव द्वारा सर्वप्रथम प्रयुक्त अनाज जौ था।

वैश्विक परिप्रेक्ष्य में सर्वप्रथम जौ 8000 ई. पू. में भूमध्य सागर एवं ईरान के मध्य स्थित पश्चिमी एशिया के देशों में मानव द्वारा उगाया गया था। कालान्तर में इन्हीं क्षेत्रों में 8000 ई. पू. के आस-पास ही गेहूँ उगाने का साक्ष्य मिला है।

3) नीचे दो कथन दिए गए हैं, एक को अभिकथन (A) तथा दूसरे को कारण (R) कहा गया है

अभिकथन (A) विन्ध्य क्षेत्र के पाषाणयुगीन लोगों ने नूतन-भूतल काल के अन्त में गंगा घाटी में प्रव्रजन किया।

कारण (R) जलवायु परिवर्तन के कारण इस काल में शुष्कता का चरण था।

कूट

(a) A और R दोनों सही हैं तथा R, A की सही व्याख्या करता है

(b) A और R दोनों सही हैं, परन्तु R, A की सही व्याख्या नहीं करता है

(c) A सही है, परन्तु R गलत है

(d) A गलत है, परन्तु R सही है

व्याख्या (a) A और R दोनों सही हैं तथा R, A की सही व्याख्या करता है।

नूतन-भूतल काल में जलवायु परिवर्तन ने विन्ध्य क्षेत्र पाषाण युगीन लोगों पर व्यापक प्रभाव डाला। इस काल में जलवायु परिवर्तन के कारण सूखे की स्थिति उत्पन्न हुई, जिसके कारण विन्ध्य क्षेत्र में निर्वासित लोग भोजन की कमी की समस्या से जूझने लगे और अन्ततः वे लोग इलाहाबाद के निकट गंगा घाटी की ओर प्रव्रजित हुए। इस कथन की पुष्टि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और इतिहासकार जी आर शर्मा ने की थी।

4) निम्नलिखित का सही मिलान करें

सूची I                                      सूची II

A. पुरापाषाण काल       1. भीमबेटका गुफा

B. मध्यपाषाण काल       2. बुर्जहोम

C. नवपाषाण काल         3. बनास घाटी

D. ताम्रपाषाण काल        4. सोहन/सोन नदी घाटी

कूट

      A  B  C  D

(a) 1  2  4  3

(b) 4  1  2  3

(c) 4  2  1  3

(d) 1  4  3  2

व्याख्या (b) सही मिलान A-4, B-1, C-2, D-3 है। पुरापाषाण काल का सम्बन्ध सोहन/सोन नदी घाटी से है, इसे चॉपर चॉपिंग संस्कृति भी कहते हैं। मध्य पाषाण काल का सम्बन्ध भीमबेटका गुफा से है। यह मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित एक मध्य पाषाणीय स्थल है। नवपाषाण कालीन स्थल बुर्जहोम जम्मू-कश्मीर में स्थित है। ताम्रपाषाण काल का सम्बन्ध बनास घाटी से है। इस काल में ताँबे एवं पत्थर के औजारों का उपयोग होता था।

5) निम्नलिखित में से कौन-सी प्राक् हड़प्पा संस्कृति नहीं है?

(a) आमरी संस्कृति  (b) सोथी संस्कृति(c) कोटदीजी संस्कृति  (d) झोब संस्कृति

व्याख्या (d) झोब संस्कृति (Zhob culture) प्राक् हड़प्पा संस्कृति नहीं है। यह संस्कृति पाकिस्तान की ताम्र पाषाणिक संस्कृति मानी जाती है। इस संस्कृति की खोज, झोब नदी के किनारे पर हुई है, इसलिए इसे झोब संस्कृति कहा जाता है। यह पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त की झोब घाटी में ईसा पूर्व चौथी और तीसरी सहस्राब्दी के मध्य विकसित हुई। इस संस्कृति के पुरातात्विक स्थल पेरिआनो घुण्डई, राणा घुण्डई, डाबरकोट आदि हैं। यहाँ से लाल एवं काले रंग की मिट्टी के बर्तन प्राप्त हुए हैं।

6) सिन्धु घाटी सभ्यता को खोज निकालने में जिन दो भारतीयों का नाम जुड़ा है, वे हैं

(a) राखालदास बनर्जी तथा दयाराम साहनी

(b) जॉन मार्शल तथा ईश्वरी प्रसाद

(c) आशीर्वादीलाल श्रीवास्तव तथा रंगनाथन राव

(d) माधोस्वरूप वत्स तथा वी वी राव

व्याख्या (a) सिन्धु घाटी सभ्यता को खोज निकालने में जिन दो भारतीयों का नाम जुड़ा है, वे राखालदास बनर्जी तथा दयाराम साहनी हैं। दयाराम साहनी ने इस सभ्यता के प्रमुख स्थल हड़प्पा की खोज वर्ष 1921 में की थी, जो पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में मोण्टगोमरी जिले (आधुनिक साहीवाल) में रावी नदी के बाएँ तट पर था। राखालदास बनर्जी ने वर्ष 1922 में एक अन्य प्रमुख स्थल मोहनजोदड़ो की खोज की थी, जो पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त के लरकाना जिले में सिन्धु नदी के दाएँ तट पर स्थित था। यह क्षेत्रफल की दृष्टि से सैन्धव सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल था।

7) सिन्धु सभ्यता से प्राप्त मोहरों पर कौन-से वृक्ष की आकृति मिलती है?

(a) आम   (b) पीपल   (c) पारिजात  (d) साल

व्याख्या (b) सिन्धु सभ्यता से प्राप्त मोहरों पर पीपल के वृक्ष की आकृति मिलती है। यह सभ्यता प्राचीनतम कांस्ययुगीन सभ्यता थी, जिसका उद्भव ताम्र पाषाणकाल में भारत के पश्चिमी क्षेत्र में हुआ था। इसका विस्तार भारत के अतिरिक्त पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान के कुछ क्षेत्रों में भी था। सिन्धु सभ्यता से प्राप्त मोहरों में पीपल के वृक्ष की आकृति, एक श्रृंगी पशु, हाथी, बाघ एवं बारहसिंगा आदि का अंकन तथा आयताकार मोहर पर स्त्री के गर्भ से निकलता पौधा आदि अंकित है।

8) सिन्धु घाटी सभ्यता की विकसित अवस्था में निम्नलिखित में से किस स्थल के घरों में कुओं के अवशेष मिले हैं?

(a) हड़प्पा   (b) कालीबंगा   (c) लोथल    (d) मोहनजोदड़ो

व्याख्या (d) सिन्धु घाटी सभ्यता की विकसित अवस्था में मोहनजोदड़ो से घरों में कुओं के अवशेष प्राप्त हुए हैं।

इससे ज्ञात होता है कि यहाँ के अधिकांश भवनों में निजी कुएँ व स्नानागार होते थे। मोहनजोदड़ो के घरों में कुएँ मुख्यतः एक ऐसे क्षेत्र में बनाए गए थे, जिससे यात्री भी इसका प्रयोग कर सकें। मोहनजोदड़ो में कुओं की कुल संख्या लगभग 700 थी।

9)सिन्धु घाटी की सभ्यता के किस पुरास्थल से नाव के चित्र या मॉडल प्राप्त हुए हैं?

(a) कालीबंगा और रोपड़

(b) हड़प्पा एवं कोटदीजी

(c) मोहनजोदड़ो एवं लोथल

(d) धौलावीरा एवं भागात्रव

व्याख्या (c) सिन्धु घाटी की सभ्यता के मोहनजोदड़ो एवं लोथल नामक पुरास्थल से नाव के चित्र या मॉडल प्राप्त हुए हैं।

 मोहनजोदड़ो, सिन्धु सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था, जो पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त के लरकाना जिले में सिन्धु नदी के दाहिने किनारे पर स्थित था। यह क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा नगर था। लोथल, गुजरात राज्य में स्थित एक प्रमुख स्थल है। इसे ‘लघु हड़प्पा’ या ‘लघु मोहनजोदड़ो’ के नाम से भी जाना जाता था। लोथल के पूर्वी भाग से गोदीबाड़ा के साक्ष्य भी प्राप्त हुए हैं।

10) हड़प्पा संस्कृति के निम्नलिखित स्थलों में कौन सिन्ध में अवस्थित है?

1. हड़प्पा

2. मोहनजोदड़ो

3. चन्हूदड़ो

4. सुतकोटडा

नीचे दिए गए कूट में सही उत्तर निर्दिष्ट कीजिए

कूट

(a) 1 और 2

(c) 2, 3 और 4

(b) 2 और 3

(d) 1, 2, 3 और 4

व्याख्या (b) हड़प्पा संस्कृति के मोहनजोदड़ो एवं चन्हूदड़ो स्थल सिन्ध (पाकिस्तान) में अवस्थित हैं।

मोहनजोदड़ो की खोज वर्ष 1922 में आर डी बनर्जी के द्वारा तथा चन्हूदड़ों की खोज वर्ष 1931 में एन जी मजूमदार के द्वारा की गई थी, जबकि हड़प्पा स्थल पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में स्थित है, जिसकी खोज वर्ष 1921 में दयाराम साहनी के द्वारा तथा सुतकोटडा गुजरात प्रान्त में अवस्थित है, इसकी खोज वर्ष 1964 में जे पी जोशी के द्वारा की गई थी।

11)निम्नलिखित में से कौन-सा प्राचीन नगर अपनी उन्नत जल संचयन और प्रबन्धन प्रणाली के लिए सुप्रसिद्ध है, जहाँ बाँधों की श्रृंखला का निर्माण किया गया था और सम्बद्ध जलाशयों में नहर के माध्यम से जल को प्रवाहित किया जाता था?

(a) घौलावीरा

(b) कालीबंगा

(c) राखीगढ़ी

(d) रोपड़

व्याख्या (a) गुजरात का धौलावीरा प्राचीन नगर अपनी उन्नत जल संचयन और प्रबन्धन प्रणाली के लिए सुप्रसिद्ध है, जहाँ बाँधों की एक श्रृंखला का निर्माण किया गया था और सम्बद्ध जलाशयों में नहर के माध्यम से जल को प्रवाहित किया जाता था। यह नगर गुजरात के कच्छ जिले के भचाऊ तालुका में स्थित है। इस नगर से स्टेडियम का प्रमाण भी प्राप्त हुआ है।

12) निम्नलिखित में से किस स्थल से द्वि-शव संस्कार (डबल बरियल) का प्रमाण मिलता है?

(a) कुन्तासी

(b) धौलावीरा

(c) लोथल

(d) कालीबंगा

व्याख्या (c) गुजरात में स्थित लोथल से सर्वाधिक (तीन) द्वि-शव संस्कार (डबल बरियल) का प्रमाण मिलता है।

 लोथल में नगर क्षेत्र के बाहर उत्तरी-पश्चिमी किनारे पर समाधि क्षेत्र था, जहाँ से 20 समाधियाँ मिली हैं। यहाँ से तीन युग्मित समाधियों के उदाहरण भी मिले हैं, जिसके अनुसार यहाँ सती प्रथा का अनुमान लगाया जाता है। यद्यपि कालीबंगा तथा राखीगढ़ी से भी युग्म समाधि के प्रमाण प्राप्त हुए हैं, किन्तु लोथल से इस प्रकार की समाधियाँ अधिक मिली हैं।

13)भारत में हड़प्पा का वृहत स्थल है

(a) राखीगढ़ी

(b) धौलावीरा

(c) कालीबंगा

(d) लोथल

व्याख्या (a) भारत में हड़प्पा का वृहत स्थल राखीगढ़ी है। राखीगढ़ी, हरियाणा के हिसार जिले में स्थित एक महत्त्वपूर्ण हड़प्पाई स्थल है, जिसका क्षेत्रफल 350 हैक्टेयर है। इस स्थल की खुदाई वर्ष 1963 में आरम्भ की गई। वर्ष 1997 से 2000 के मध्य अमरेन्द्र नाथ के नेतृत्व में किए गए उत्खनन में वृहत क्षेत्र में व्याप्त इस स्थल से पूर्व हड़प्पा तथा परिपक्व हड़प्पा सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं। यहाँ से भण्डारगृह, रेनवाटर सिस्टम, स्वर्ण आभूषण इत्यादि प्राप्त हुए हैं।

14) सूची I को सूची II से सुमेलित कीजिए

सूची I (हड़प्पाई स्थल)                सूची II (स्थिति)

A. माण्डा                               1. राजस्थान

B. दैमाबाद                            2. हरियाणा

C. कालीबंगा                        3. जम्मू-कश्मीर

D. राखीगढ़ी                        4. महाराष्ट्र

कूट

       A  B  C  D

(a) 1   2  3  4

(b) 2   3  4  1

(c) 3   4  1  2

(d) 4   1  2  3

व्याख्या (c) सही सुमेलन A-3, B-4, C-1, D-2 है।

माण्डा, हड़प्पाकालीन स्थल है, जो जम्मू-कश्मीर राज्य में स्थित है। यह भारत में स्थित हड़प्पा सभ्यता का सबसे उत्तरी स्थल है। दैमाबाद, महाराष्ट्र में स्थित हड़प्पा सभ्यता का सबसे दक्षिणी स्थल है। यहीं से काँसे का रथ प्राप्त हुआ है।

कालीबंगा, राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में स्थित है। यहाँ से जुते हुए खेत के साक्ष्य प्राप्त हुए है। राखीगढ़ी, हरियाणा में स्थित हड़प्पाई स्थल है।

15)  सूची I को सूची II से सुमेलित कीजिए

सूची I                                  सूची II

A. हड़प्पा                     1. शवाधान R-37

B. लोथल                    2. गोदी

C. कालीबंगा               3. नर्तकी की मूर्ति

D. मोहनजोदड़ो            4. जुता हुआ खेत

कूट      A  B  C  D

(a) 1  2  3  4        (b) 2  1  4  3

(c) 3  4  1  2     (d) 1  2  4  3

व्याख्या (d) सही सुमेलन A-1, B-2, C-4, D-3 है।

हड़प्पा से शवाधान R-37, काँस्य दर्पण, सुरमा लगाने की सलाई तथा सीपी की चम्मच आदि के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। लोथल से गोदी बाड़ा बन्दरगाह प्राप्त हुआ है, यहाँ से ताँबे तथा सोने का कार्य करने वाले शिल्पियों की उद्योगशालाएँ आदि के साक्ष्य भी प्राप्त हुए हैं। कालीबंगा से जुता हुआ खेत, ईंटों से निर्मित चबूतरा, लकड़ी के पाइप तथा अनेक घरों में कुएँ के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। मोहनजोदड़ो से नर्तकी की मूर्ति, पुरोहित आवास, महाविद्यालय भवन आदि के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।

16) सिन्धु घाटी के लोग विश्वास करते थे

(a) आत्मा और ब्रह्म में

(c) यज्ञ प्रणाली में

(b) कर्मकाण्ड में

(d) मातृशक्ति में 

)व्याख्या (d) सिन्धु घाटी के लोग मुख्यतः मातृशक्ति में विश्वास करते थे। हड़प्पा समाज में मातृदेवी की पूजा का प्रचलन था। मोहरों पर अंकित चित्र से यह ज्ञात होता है कि हड़प्पा सभ्यता सम्भवतः मातृसत्तात्मक थी। हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, चन्हूदड़ो आदि स्थलों से मिट्टी की बहुसंख्यक नारी मूर्तियाँ मिली है।

सिन्धु सभ्यता की मोहरों के ऊपर अंकित नारी मूर्तियों के सिर पर पंखे के समान फैला हुआ आवरण है। इन नारी मृण्मूर्तियों को लड़ियों वाला हार, चूड़ियाँ, मेखला, कर्णफूल आदि पहने हुए दर्शाया गया है।

17)हड़प्पा सभ्यता की खुदाई में मिले अवशेषों के आधार पर कौन-से कथन सही नहीं हैं?

 1. सभी तरह के निर्माण कार्यों के लिए एक आकार की ईंट का उपयोग किया जाता था।

2. मुख्यतः सभी घर एक मंजिला ही बनाए जाते थे।

3. मुख्य सड़कें औसतन दस मी चौड़ी होती थीं।

कूट

(a) 1 और 2

(b) 2 और 3

(c) 1 और 3

(d) 1, 2 और 3

व्याख्या (a) हड़प्पा सभ्यता की खुदाई में मिले अवशेषों के आधार पर कथन (1) और (2) सही नहीं हैं, क्योंकि हड़प्पा सभ्यता के निर्माण के लिए अनके आकार की कच्ची एवं पक्की ईंटों का उपयोग किया जाता था एवं यहाँ पर मकान मुख्यतः एक से अधिक मंजिल वाले होते थे।

कथन (3) सही है। सिन्धु सभ्यता की सर्वाधिक चौड़ी सड़कें मोहनजोदड़ो से प्राप्त हुई हैं, जिनकी चौड़ाई 10 मी होती थी।

18) सिन्धु घाटी सभ्यता की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता क्या है?

(a) पक्की ईंट से बनी इमारत

(b) प्रथम असली मेहराब

(c) पूजा-स्थल

(d) कला और वास्तुकला

) व्याख्या (a) सिन्धु घाटी सभ्यता की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता पक्की ईंटों से बनी इमारत है। 3000 ई. पू. के आस-पास, वहाँ शहरीकरण की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई। हड़प्पा सभ्यता (सिन्धु घाटी सभ्यता) के शहरों की सामान्य विशेषताएँ व्यवस्थित नगर नियोजन, पक्की ईंटों का प्रयोग, जल निकास प्रणाली तथा वृहद् निर्माण थे।

19) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए एवं नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए

1. मोहनजोदड़ो, हड़प्पा, रोपड़ एवं कालीबंगा सिन्धु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल थे।

2. हड़प्पा के लोगों ने सड़कों तथा नालियों के जाल के साथ नियोजित शहरों का विकास किया।

3. हड़प्पा के लोगों को धातुओं के उपयोग का पता नहीं था।

कूट

(a) 1 और 2

(b) 1 और 3

(c) 2 और 3

(d) 1, 2 और 3

व्याख्या (a) दिए गए कथनों में से कथन (1) और (2) सही हैं। मोहनजोदड़ो, हड़प्पा, रोपड़ एवं कालीबंगा सिन्धु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल थे, जिनमें से मोहनजोदड़ो तथा हड़प्पा वर्तमान पाकिस्तान में, रोपड़ पंजाब (भारत) में तथा कालीबंगा राजस्थान में स्थित था।

हड़प्पा सभ्यता के लोगों ने सड़कों तथा नालियों के जाल के साथ नियोजित शहरों का विकास किया था। सड़कें एक-दूसरे को समकोण पर काटती थीं तथा नालियाँ सड़कों के मध्य से होकर बहती थीं और इन्हें हमेशा ढककर रखा जाता था।

कथन (3) सही नहीं है, क्योंकि हड़प्पा सभ्यता के लोग लोहे से परिचित नहीं थे, लेकिन इस धातु के अतिरिक्त वे अनेक धातुओं से परिचित थे। हड़प्पा सभ्यता एक कांस्ययुगीन सभ्यता थी। हड़प्पावासी ताँबे के साथ टिन मिलाकर काँसा (कांस्य) तैयार करने की विधि से परिचित थे।

20) निम्नलिखित सभ्यताओं का उत्तर से दक्षिण की ओर सही क्रम कौन-सा है?

(a) माया-एजटेक-मुइस्का-इंका

(b) माया-मुइस्का-इंका-एजटेक

(c) एजटेक-मुइस्का-माया-इंका

(d) एजटेक-माया-मुइस्का-इंका

व्याख्या (d) प्रश्नानुसार, सभ्यताओं का उत्तर से दक्षिण की ओर सही क्रम एजटेक-माया-मुइस्का-इंका है। एचटेक अर्थात कृषि-प्रौद्योगिकी संस्कृति का विकास 3300 ई.पू. के पश्चात् आरम्भ माना जाता है, जब कृषि के कार्य का विकास सूमेर, मिस्र तथा सूडान में आरम्भ हुआ। माया सभ्यता का आरम्भ 1500 ई.पू. में ग्वाटेमाला, मैक्सिको तथा होंडुरास प्रायद्वीप में हुआ था।

मुइस्का सभ्यता का विस्तार 600 ई. से 1600 ई. के मध्य कोलम्बिया में हुआ। 15वीं-16वीं शताब्दी में इंका सभ्यता का विस्तार दक्षिण अमेरिका में हुआ। स्पेन के हमलों के पश्चात् इस सभ्यता का पतन 1533 ई. के बाद हो गया।

21) भारत में निम्नलिखित के आने का सही कालानुक्रम क्या है?

1. सोने के सिक्के

2. आहत मुद्रा चाँदी के सिक्के

3. लोहे का हल

4. नगर संस्कृति

) व्याख्या (d) सही कालानुक्रम 4, 3, 2, 1 है।

भारत की सबसे प्राचीन सभ्यता सिन्धु घाटी सभ्यता एक नगरीय सभ्यता थी। यह अपने नगर नियोजन के लिए प्रसिद्ध है। नगर नियोजन की यह प्रणाली सिन्धु घाटी सभ्यता के प्रमुख नगरों हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल, सुतकोटदा आदि में देखने को मिलती है।

सिन्धु घाटी सभ्यता कांस्ययुगीन सभ्यता थी, जबकि लोहे का ज्ञान 1000 ई.पू. उत्तर वैदिक काल में देखने को मिलता है और इस काल में ही लोहे के हल का प्रयोग प्रारम्भ हुआ।

भारत में प्राचीन सिक्के को आहत मुद्रा के रूप में जाना जाता है और आहत मुद्रा के रूप में चाँदी के सिक्के छठी शताब्दी ई.पू. में अस्तित्व में आए थे।

भारत में सोने के सिक्कों को सर्वप्रथम जारी करने का श्रेय हिन्द-यवन शासकों (द्वितीय शताब्दी ई.पू.) को दिया जाता है। हालाँकि सोने के सिक्कों की संख्या में वृद्धि कुषाणों के शासनकाल में देखने को मिलती है।

22) सूची I को सूची II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर चुनिए

सूची I                                  सूची II

A . हड़प्पा                            1.  गोदावरी

B. हस्तिनापुर                        2.   रावी

C. नागार्जुन कोण्डा                3.   गंगा

D. पैठन                                4. कृष्णा

कूट      A  B  C   D

(a) 1  2  3  4

(b) 2  3  4  1

(c) 4  3  2  1

(d) 3  4  1  4

व्याख्या (b) सही सुमेलन A-2, B-3, C-4, D-1 है।

हड़प्पा, रावी नदी के किनारे पर स्थित एक प्रमुख सैन्धव स्थल है।सिन्धु घाटी सभ्यता का प्रथम ज्ञात स्थल हड़प्पा है। यह पूर्वोत्तर पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में स्थित एक पुरातात्विक स्थल है। रावी नदी, पश्चिमोत्तर भारत और पूर्वोत्तर पाकिस्तान में बहने वाली नदी है। इसका वैदिक नाम परुष्णी या इरावती है।

हस्तिनापुर शहर पवित्र नदी गंगा के किनारे स्थित है। यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ जिले में स्थित एक ऐतिहासिक/पौराणिक शहर है। नागार्जुन कोण्डा कृष्णा नदी के किनारे स्थित एक ऐतिहासिक नगर है। यह नगर तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से 100 मील दक्षिण-पूर्व की ओर स्थित नलगोण्डा जिले में अवस्थित है।

पैठन/पैठण शहर गोदावरी नदी के किनारे स्थित है। इसकी अवस्थिति भारत के महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले में है। पैठन/पैठण को पूर्व में प्रतिष्ठान नामक नगर के रूप में जाना जाता था।

23) बोगजकोई महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि

(a) यह मध्य एशिया एवं तिब्बत के मध्य एक महत्त्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्र था

(b) यहाँ से प्राप्त अभिलेखों में वैदिक देवी एवं देवताओं के नामों का उल्लेख प्राप्त होता है

(c) वेद के मूल ग्रन्थों की रचना यहाँ हुई थी

(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

व्याख्या (b) बोगजकोई महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यहाँ से प्राप्त अभिलेखों में वैदिक देवी एवं देवताओं के नामों का उल्लेख प्राप्त होता है।

 एशिया माइनर में बोगजकोई नामक स्थान पर 14वीं शताब्दी का सन्धिपात्र अभिलेख मिला है जिसमें इन्द्र, मित्र, वरुण और नासत्य जैसे वैदिक देवताओं की चर्चा है।

24)ऋग्वेद संहिता का नौवाँ मण्डल पूर्णतः किसको समर्पित है?

(a) इन्द्र और उनका हाथी

(b ) उर्वशी एवं स्वर्ग

(c) पौधों और जड़ी-बूटियों से सम्बन्धित देवतागण

(d) सोम और इस पेय पर नामाकृत देवता

व्याख्या (d) ऋग्वेद संहिता का नौवाँ मण्डल सोम और इस पेय पर नामाकृत देवता को समर्पित है। नौवें मण्डल में कुल 114 सूक्त सोम को समर्पित हैं। सोम को ही ‘पवमान’ कहते हैं। चूँकि यह मण्डल सोम को ही समर्पित है, इसलिए इसे पवमान मण्डल भी कहा जाता है। सोम (पौधा) हिमालय की मूजवन्त चोटी पर उगता था।

25)  वैदिक कालीन प्रशासन में ‘भागदुह’ कैसा  अधिकारी था?

(a) जुआ विभाग का प्रधान अधिकारी

(b) राजस्व कर जमा करने वाला

(c) समाचार पहुँचाने वाला दूत

(d) जगलों का प्रधान अधिकारी

व्याख्या (b) वैदिक कालीन प्रशासन में ‘भागदुह’ राजस्व कर जमा करने वाला अधिकारी होता था। यह उत्पादन के शाही हिस्से का संग्रहकर्ता था। वैदिककाल में ब्याज देने वाले व्यक्ति को वेकनॉट (सूदखोर) कहा जाता था।

26)भारतीय उपमहाद्वीप में लोहे का प्रयोग कब शुरू हुआ?

(a) प्राय: 9000 वर्ष पूर्व

(b) प्रायः 12000 वर्ष पूर्व

(c) प्रायः 6000 वर्ष पूर्व

(d) उपर्युक्त में से एक से अधिक

व्याख्या (e) प्रश्नानुसार, कोई भी विकल्प सही नहीं है। विश्व के विभिन्न भागों में लोहे के प्रयोग का ज्ञान धीरे-धीरे फैलने या उत्पन्न होने से यह युग अलग समय पर शुरू हुआ माना जाता है, परन्तु अनातोलिया से लेकर भारतीय उपमहाद्वीप में यह 1300 ईसा पूर्व के आस-पास आरम्भ हुआ था, जबकि तमिलनाडु में हुए उत्खनन कार्य की कार्बन डेटिंग से यह प्रमाण मिलते हैं कि भारत में लोहे का प्रयोग लगभग 4200 वर्ष पूर्व हुआ था।

27)वैदिक नदी कुभा का स्थान कहाँ निर्धारित होना चाहिए?

(a) अफगानिस्तान में

(b) चीनी तुर्किस्तान में

(c) कश्मीर में

(d) पंजाब में

व्याख्या (a) वैदिक नदी कुभा का स्थान अफगानिस्तान में निर्धारित होना चाहिए। वर्तमान में इसे काबुल नदी के नाम से जाना जाता है। अफगानिस्तान में बहने वाली अन्य तीन वैदिक कालीन नदियाँ कुर्रम (क्रुमु), गोमती (गोमल) एवं सुवास्तु हैं।

28)निम्न में से किस नदी को ऋग्वेद में ‘मातेतमा’, ‘देवीतमा’ एवं ‘नदीतमा’ सम्बोधित किया गया है?

(a) सिन्धु

(b) सरस्वती

(c) वितस्ता

(d) यमुना

)व्याख्या (b) सरस्वती नदी को ऋग्वेद में ‘मातेतमा’, ‘देवीतमा’ एवं ‘नदीतमा’ नाम से सम्बोधित किया गया है। वर्तमान घग्घर की पहचान वैदिक नदी सरस्वती से की जाती है। यह नदी राजस्थान एवं हरियाणा के क्षेत्रों से प्रवाहित होती

29)ऋग्वेदकालीन आर्यों और सिन्धु घाटी के लोगों की संस्कृति के बीच अन्तर के सम्बन्ध में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

1. ऋग्वेदकालीन आर्य कवच और शिरस्त्राण (हेलमेट) का उपयोग करते थे, जबकि सिन्धु घाटी सभ्यता के लोगों में इनके उपयोग का कोई साक्ष्य नहीं मिलता।

2. ऋग्वेदकालीन आर्यों को स्वर्ण, चाँदी और ताम्र का ज्ञान था, जबकि सिन्धु के लोगों को केवल ताम्र और लोहे का ज्ञान था।

3. ऋग्वेदकालीन आर्यों ने घोड़े को पालतू बना लिया था, जबकि इस बात का कोई साक्ष्य नहीं है कि सिन्धु घाटी के लोग इस पशु को जानते थे।

कूट

(a) केवल 1    (b) 2 और 3   (c) 1 और 3  (d) 1, 2 और 3

व्याख्या (c) ऋग्वेदकालीन आर्यों और सिन्धु घाटी के लोगों की संस्कृति के बीच अन्तर के सम्बन्ध में कथन (1) और (3) सही हैं।

ऋग्वेदकालीन आर्यों द्वारा कवच तथा शिरस्त्राण (हेलमेट) का उपयोग किया जाता था, जबकि सिन्धु घाटी में कहीं भी इनके उपयोग करने के साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए हैं।

वैदिक काल में घोड़ों का व्यापक उपयोग होता था; जैसे – रथों को खींचने के लिए एवं लम्बी दूरी तय करने के लिए। साथ ही सिन्धु सभ्यता के स्थल सुतकोटदा से घोड़े के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। सुतकोटदा गुजरात के कच्छ जिले के रावर तालुका क्षेत्र में अवस्थित है।

कथन (2) सही नहीं है, क्योंकि चाँदी का पहला उल्लेख अथर्ववेद में मिलता है। सिन्धु सभ्यता से सोने, ताँबे, काँसे, चाँदी आदि के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं, जबकि लोहे का साक्ष्य नहीं मिला है। लोहे का साक्ष्य सिन्धु सभ्यता के बाद से प्राप्त होता है।

30) हिन्दू पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मन्थन हेतु किस सर्प ने रस्सी के रूप में स्वयं को प्रस्तुत किया?

(a) कालिया

(b) वासुकी

(c) पुष्कर

(d) शेषनाग

व्याख्या (b) हिन्दू पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मन्थन हेतु सर्पों के राजा वासुकी ने स्वयं को रस्सी के रूप में प्रस्तुत किया था। इसमें मथानी के रूप में मन्द्राचल पर्वत का प्रयोग किया गया था।

31)वैदिक देवता इन्द्र के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए तथा नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए

1. झंझावात के देवता थे।

2. पापियों को दण्ड देते थे।

3. नैतिक व्यवस्था के संरक्षक थे।

4. वर्षा के देवता थे।

कूट

(a) 1 और 2   (b) 1 और 3  (c) 2 और 4   (d) 1 और 4

व्याख्या (d) वैदिक देवता इन्द्र के विषय में कथन (1) और (4) सही हैं। ऋग्वेद में इन्द्र का वर्णन सर्वाधिक प्रतापी देवता के रूप में किया जाता है। इसमें इन्द्र के लिए 250 सूक्तों का वर्णन है। इन्द्र को आर्यों का युद्ध देव तथा वर्षा एवं झंझावात का देवता माना जाता है। इन्द्र को वृत्तासुरहन्ता, पुरभिद सोमापा, शतकृति आदि अन्य नामों से भी जाना जाता है। कथन (2) और (3) सही नहीं हैं, क्योंकि पापियों को दण्ड देने वाले तथा नैतिक व्यवस्था का संरक्षक वरुण को माना जाता है।

32) प्रारम्भिक वैदिक काल के दौरान कौन-सा शहर प्राचीन मगध साम्राज्य की राजधानी के रूप में कार्य करता था?

(a) राजगृह

(b) चम्पा

(c) वैशाली

(d) पाटलिपुत्र

व्याख्या (a) प्रारम्भिक वैदिक काल के दौरान राजगृह शहर प्राचीन मगध साम्राज्य की राजधानी के रूप में कार्य करता था। यह शहर, पाँच पहाड़ियों से घिरा हुआ था। इसके पश्चात् मगध नरेश उदायिन द्वारा पाटलिपुत्र नगर की स्थापना की गई, जिसे मगध की राजधानी बनाया गया।

33)ऋग्वेद में सर्वाधिक संख्या में मन्त्र सम्बन्धित हैं

(a) अग्नि से

(b) वरुण से

(c) विष्णु से

(d) यम से

व्याख्या (a) ऋग्वेद में सर्वाधिक संख्या में अग्नि से सम्बन्धित मन्त्र हैं। ऋग्वेद में अग्नि बहुत प्रसिद्ध देवता है। इस वेद के लगभग 200 सूक्तों में अग्नि की स्तुति प्राप्त होती है।

34) गायत्री मन्त्र की रचना किसने की थी?

(a) वशिष्ठ

(b) विश्वामित्र

(c) इन्द्र

(d) परीक्षित

व्याख्या (b) गायत्री मन्त्र की रचना विश्वामित्र ने की थी। इसकी रचना 1500 ईसा पूर्व में हुई थी। यह पूर्णतः संस्कृत भाषा में है।

35)वर्ण व्यवस्था से सम्बन्धित ‘पुरुष सूक्त’ मूलतः निम्न में से किसमें पाया जाता है?

(a) ऋग्वेद

(b) अथर्ववेद

(c) सामवेद

(d) यजुर्वेद

व्याख्या (a) वर्ण व्यवस्था से सम्बन्धित ‘पुरुष सूक्त’ मूलतः ऋग्वेद में पाया जाता है।

ऋग्वेद के दसवें मण्डल के पुरुष सूक्त में वर्ण व्यवस्था तथा वर्णों की उत्पत्ति का उल्लेख मिलता है। ऋग्वेद में वर्ण शब्द रंग के अर्थ में तथा व्यवसाय चयन के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है। ऋग्वेद में आर्यों को गौर तथा दासों को कृष्ण वर्ण कहा गया है।

पुरुष सूक्त से ज्ञात होता है कि ब्रह्म (विराट पुरुष) के मुख से ब्राह्मण, भुजा से क्षत्रिय, जंघा से वैश्य तथा पैर से शूद्र की उत्पत्ति हुई। प्रारम्भ में वर्ण विभाजन का आधार कर्म था। उत्तर वैदिक काल से समाज में कठोरता आने लगी तथा वर्ण व्यवस्था जन्मजात होने लगी। अब जन्म के आधार पर ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र का निर्धारण होने लगा।

36) गोत्र’ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम हुआ था?

(a) अथर्ववेद में

(b) ऋग्वेद में

(c) सामवेद में

(d) यजुर्वेद में

व्याख्या (b) ‘गोत्र’ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम ऋग्वेद में हुआ था। ‘गोत्र’ शब्द का मूल अर्थ-गौष्ठ है। गोत्र एक ही परिवार से सम्बन्धित लोगों का समूह होता था। बाद में गोत्र का प्रचलन ऋषियों के नाम पर होने लगा। उत्तर वैदिक काल में गोत्र प्रथा का विस्तार हुआ और कालान्तर में एक ही मूल पुरुष से उत्पन्न व्यक्ति एक गोत्र के कहे जाने लगे। प्रारम्भ में गोत्र की अवधारणा ब्राह्मणों के लिए थी।

37) निम्नलिखित चार वेदों में से किस एक में जादुई माया और वशीकरण का वर्णन है?

(a) ऋग्वेद

(b) यजुर्वेद

(c) अथर्ववेद

(d) सामवेद

व्याख्या (c) अथर्ववेद में जादुई माया और वशीकरण का वर्णन मिलता है। इस वेद में कुल 20 अध्याय, 731 सूक्त और 6000 मन्त्र हैं। अथर्वा ऋषि के नाम पर इस वेद का नाम अथर्ववेद पड़ा।

38) किस वेद में सभा और समिति को प्रजापति की दो पुत्रियाँ कहा गया है?

(a) ऋग्वेद

(b) सामवेद

(c) यजुर्वेद

(d) अथर्ववेद

व्याख्या (d) अथर्ववेद में सभा और समिति को प्रजापति की दो पुत्रियाँ कहा गया है। अथर्ववेद अन्तिम वेद है। इसमें जादू-टोने के वर्णन के साथ-साथ मगध तथा अंग राज्य का भी उल्लेख है।

कबीले की आम सभा को समिति कहा जाता था, जो राजा का चुनाव करती थी। समिति के सभापति को ईशान कहा जाता था। सभा अभिजात तथा श्रेष्ठ लोगों की संस्था थी। इसमें स्त्रियों का प्रवेश वर्जित था। विदथ आर्यों की सबसे प्राचीन संस्था थी, इसे जनसभा भी कहा जाता था। विदथ तथा सभा में महिलाएँ भी भाग लेती थीं।

39) निम्नलिखित में से कौन शुल्क यजुर्वेद की संहिता है?

(a) वाजसनेयी

(b) मैत्रायणी

(c) तैत्तरीय

(d) काठक

व्याख्या (a) वाजसनेयी शुक्ल युजवेंद की संहिता है। इसे वाजसनेयी संहिता के नाम से भी जाना जाता है, क्योकि वाजसेनी के पुत्र याज्ञवल्क्य इसके प्रथम दृष्टा थे। इसमें कुल 40 अध्याय हैं। इसमें राजसूय, वाजपेय, अश्वमेध, पुरुषमेध, सर्वमेध तथा सौत्रामणि यज्ञों का विवरण मिलता है।

40) कालिका पुराण किस धर्म से सम्बन्धित है?

(a) वैष्णव

(b) शाक्त

(c) बौद्ध

(d) जै

व्याख्या (b) कालिका पुराण शाक्त धर्म से सम्बन्धित है।

कालिका पुराण, जिसे काली पुराण, सती पुराण या कालिका तन्त्र भी कहा जाता है, यह हिन्दू धर्म की शक्तिवादी परम्परा का समर्थन करता है। यह मुख्यतः भारत में असम प्रान्त में प्रचलित था। कालिका पुराण को 90 से 93 अध्यायों में विभाजित किया गया है। इस पुराण में प्राचीन भारत में स्थित शक्तिपीठों की चर्चा की गई है।


Share it