16 जनवरी को झारखंड में कोरोना का पहला टीका किसे लगाया जाएगा?
16 जनवरी को झारखंड में कोरोना का पहला टीका बन्ना गुप्ता को लगाया जाएगा। इस वैक्सीन डोज को कान में नामकुम स्थित स्टेट वैक्सीन सेंटर में रखा गया है। 16 को टीकाकरण के पहले चरण में 1.31 लाख चिन्हित स्वास्थ्य कर्मियों को टीका दिया जाएगा। पहले चरण में जिन्हें भी टीका दिया जाएगा उन्हें 28 दिन के बाद दूसरा डोज दिया जाएगा।
पीएचडी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करने वाला झारखंड के पहले सरकारी विश्वविद्यालय का क्या नाम है?
पीएचडी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करने वाले झारखंड के पहले सरकारी विश्वविद्यालय का नाम झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी है। झारखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के पीएचडी पाठ्यक्रमों में नामांकित वैसे शोधार्थियों जिन्होंने गेट और जेट क्वालीफाई किया है उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से ₹10000 की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। के अलावा विश्वविद्यालय में ट्राइबल सेल की भी स्थापना की जा रही है जिसके अंतर्गत जनजातीय समुदाय के विद्यार्थियों को कौशल विकास व स्वरोजगार के लिए तैयार किया जाएगा।
3 अक्टूबर 2020 से शुरू किए गए बाघों की तलाश प्रक्रिया में अब तक पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की कितनी संख्या ज्ञात हुई है?
3 अक्टूबर 2020 से शुरू किए गए बाघों की तलाश प्रक्रिया में अब तक पलामू टाइगर रिजर्व में एक भी बाघ होने की जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। रिकॉर्ड के अनुसार फरवरी 2020 तक पीटीआर मैं बाघ दिखा परंतु उसके बाद एक 11 महीने हो गए एक बाघ की संख्या नहीं दिखी।
हाल ही में टाटा स्टील ने ऑफिशियल काम के लिए किस एप पर रोक लगाई है?
टाटा स्टील ने ऑफिशियल काम के लिए व्हाट्सएप पर रोक लगाई है। टाटा स्टील ने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि व्हाट्सएप के नए अपडेट के मुताबिक व्हाट्सएप यूजर डाटा को फेसबुक की अन्य कंपनियों के साथ शेयर करेगा।
पहले चरण में झारखंड के शहरों में ट्राइबल हाट की शुरुआत की जा रही है?
पहले चरण में झारखंड के 4 शहरों में ट्राइबल हार्ट की शुरुआत की जा रही है। इन चार शहरों के नाम है जमशेदपुर, धनबाद बोकारो और दुमका। ट्राइबल हाट में केवल आदिवासी और झारखंडी उत्पादन भेजे जाएंगे। इसका प्रमुख उद्देश्य आदिवासी और झारखंडी उत्पादों को ट्राईबल हाथ में प्रमुखता दिलाना है।
झारखंड में टुसू पर्व किस अवसर पर मनाया जाता है?
झारखंड में टुसू पर्व मकर संक्रांति के अवसर पर मनाया जाता है। टुसू पर्व को झारखंडी संस्कृति का धरोहर माना जाता है।