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# भारत का आठवां राज्य है झारखंड जहां सीबीआई को सामान्य सहमति नहीं दी गई है # पश्चिम बंगाल छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र और राजस्थान पहले ही सीबीआई एंट्री को रोक चुके हैं

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जहां कहीं भी भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर किसी दूसरे पार्टी की सरकार राज्यों में है वह सभी राज्य एक-एक करके सीबीआई जांच एजेंसी को अपने राज्य में आने से रोक रहे हैं इसका सीधा प्रभाव क्या पड़ेगा- अब ऐसे राज्य में सीबीआई किसी भी जांच को सीधे रूप में नहीं कर पाएगी वहां के राज्य से पहले परमिशन लेना जरूरी होगा केरल और झारखंड ने हाल ही में सीबीआई जांच के लिए अपने राज्य में सीबीआई को रोकने की पूरी प्रक्रिया को सहमति दे दी है. इन राज्यों ने यह आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय जांच एजेंसी का दुरुपयोग करके राजनीतिक विरोधी को परेशान करती है और इससे उस राज्य की सरकार को चलाने में असुविधा होती है.

झारखंड में वर्तमान में हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हैं और वे झारखंड मुक्ति मोर्चा से हैं लेकिन यहां कांग्रेस भी गठबंधन सरकार में है यानी कि कांग्रेस अगर समर्थन वापस ले लेती है तो झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार गिर जाएगी इसलिए कांग्रेस शासित सभी राज्य में सीबीआई के इंट्री पर रोक लगा दी जा रही है.

अब आगे क्या हो सकता है – अब झारखंड एवं अन्य राज्य में जहां राज्य सरकार द्वारा सीबीआई के इंट्री पर रोक लगा दिया गया है वह न्यायपालिका की मदद से जांच में आ सकते हैं यानी कि सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय अगर इसकी इजाजत देती है तो फिर सीबीआई उस राज्य में जांच के लिए आ सकती है। दूसरा पहलू यह है कि अगर झारखंड राज्य से संबंधित कोई मुकदमा कोई दूसरे राज्य में किया जाता है और उस राज्य की सरकार सीबीआई जांच की अनुशंसा करती है तो इसमें भी सीबीआई जांच हो सकती है

वर्ष 2018 में ही ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने भी सीबीआई को बंगाल में घुसने से मना कर दिया था इसी प्रकार से चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश में भी नवंबर 2018 में सीबीआई के इंट्री पर रोक लगा दिया था लेकिन जब जगन मोहन रेड्डी सत्ता में वापस आए तो उन्होंने आंध्रप्रदेश के इस कदम को वापस ले लिया


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