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भारत में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के उद्योगों का विस्तार पूर्वक से वर्णनः

लौह इस्पात उद्योग– लौह इस्पात उद्योग को किसी भी देश की आर्थिक विकास का रीढ़ माना जाता है। भारत स्पंज और आयरन के उत्पादन में विश्व में प्रथम स्थान पर है। भारत में सबसे पहले बड़े पैमाने 1907 में जमशेदजी टाटा ने साकची में आयरन कंपनी स्थापित किया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात पंचवर्षीय योजनाओं के अंतर्गत इस पर काफी ध्यान दिया गया तथा वर्तमान में 7 कारखानों द्वारा लौह इस्पात का उत्पादन किया जा रहा है। 1960 में पश्चिम बंगाल की दामोदर घाटी में भारतीय लौह इस्पात कंपनी की स्थापना की गई। 1923 ईस्वी में भद्रावती में मैसूर आयरन एंड स्टील वर्क्स की स्थापना की गई। 1937 में बंगाल के बर्नपुर नामक स्थान पर आयरन कंपनी स्थापित की गई जिसे वर्तमान में विश्व श्रेया आयरन एंड स्टील कंपनी लिमिटेड के नाम से जाना जाता है। द्वितीय पंचवर्षीय योजना में ब्रिटेन की सहायता से दुर्गापुर, जर्मनी की सहायता से राउरकेला सोवियत संघ की सहायता से भिलाई में 3 कारखाने स्थापित किए गए। तृतीय पंचवर्षीय योजना में बोकारो में सोवियत संघ के सहयोग से लौह इस्पात कारखाना स्थापित करने का निर्णय लिया गया और 1974 ईस्वी में यहां उत्पादन भी शुरू हो गया। चतुर्थ पंचवर्षीय योजना में विशाखापट्टनम, विजयनगर एवं सलीम में इस्पात कारखाना स्थापित किया गया। 1973 ईस्वी में स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड की स्थापना कर भिलाई, राउरकेला, दुर्गापुर, सलीम, बनपुर, बोकारो, विश्वेश्वर्या आयरन एंड स्टील कंपनी का प्रबंधन सेल के अधीन कर दिया गया।


एलुमिनियम उद्योग- एलुमिनियम उद्योग के अंतर्गत बॉक्साइट की कच्ची धातु से बने पदार्थ आते हैं। बॉक्साइट को गलाने के लिए बड़ी मात्रा में कोयले की आवश्यकता के कारण एलुमिनियम कारखाने उन्हीं क्षेत्रों में स्थापित किए जाते हैं जहां दोनों खनिज बराबर मात्रा में मिल जाए। भारत में पहला अलमुनियम का कारखाना 1937 में जेके नगर( पश्चिम बंगाल) मैं एलुमिनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के नाम से स्थापित किया गया। 1938 ईस्वी में इंडियन एलुमिनियम लिमिटेड की चार शाखा झारखंड के मुरी, कर्नाटक के अलवाए, पश्चिम बंगाल के बेलूर, तथा उड़ीसा के हीराकुंड में स्थापित की गई। एलुमिनियम का तीसरा कारखाना हिंदुस्तान एलुमिनियम कारपोरेशन( हिंडालको), उत्तर प्रदेश के रेणुकूट नामक स्थान पर स्थापित किया गया। इसके अलावा एलुमिनियम का चौथा कारखाना तमिलनाडु के मैटूर नामक स्थान पर मद्रास एलुमिनियम कारपोरेशन के नाम से खोला गया है इस कारखाने की कुल उत्पादन क्षमता लगभग 400000 टन प्रतिवर्ष है। भारत की प्रमुख एलमुनियम कंपनियां हैं- नाल्को, बाल्को, हिंडालको, तथा माल को।
रेल उपकरण उद्योग– यह भारत सरकार द्वारा नियंत्रित सार्वजनिक रेलवे सेवा है। भारत में रेलवे की कुल लंबाई 67415 किलोमीटर है। भारत में रोजाना 200 यात्री और 3300000 टन माल रेलवे से धोया जाता है। 1945 में टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी की स्थापना रेल इंजन बनाने के लिए की गई। 1985 में भारत सरकार द्वारा चितरंजन में चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स की भी स्थापना की गई। 1964 ईस्वी में डीजल इंजन बनाने के लिए डीजल लोकोमोटिव वर्क्स की वाराणसी में स्थापना की गई। सार्वजनिक क्षेत्र में रेल डिब्बा बनाने का प्रथम कारखाना पेरंबूर के चेन्नई में स्थापित किया गया। रेलवे कोच फैक्ट्री’ कपूरथला ‘की स्थापना 1988 में की गई,। भारत के परिवहन क्षेत्र का मुख्य घटक है यह न केवल देश की मूल संरचना स्मार्ट और संस्थाओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है बल्कि बिखरे हुए क्षेत्रों को भी एक साथ जोड़ने में और देश राष्ट्रीय अखंडता का भी संवर्धन करता है। राष्ट्रीय आपदा की स्थिति के दौरान या आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने में काफी अग्रणी रहा है।।
जलयान निर्माण उद्योग– जलयान बनाने का पहला कारखाना सिंधिया नेविगेशन कंपनी द्वारा सन 1941 ईस्वी में विशाखापट्टनम में स्थापित किया गया जिसे वर्तमान में हिंदुस्तान शिपयार्ड कंपनी चला रही है। वर्तमान में देश में कुल 28 शिपयार्ड है जिसमें से 19 निजी क्षेत्र की है। मझगांव डॉक कि मुंबई में नाविक जहाज, माल ढोने वाली नावे तथा भारतीय नौसेना के फ्रीगेट आदि बनाई जाती है। कोच्चि शिपयार्ड में 85000 D.W.T तक के जलयान बनाए जाते हैं। कोच्चि शिपयार्ड देश का नवीनतम एवं सबसे बड़ा पूत प्रांगण है।


सीमेंट उद्योग– सीमेंट उद्योग कच्चा माल पर आधारित उद्योग है। सीमेंट को भवन निर्माण की प्रमुख सामग्री के रूप में मान्यता प्राप्त है उत्पादन एवं वितरण प्रतिरूप की दृष्टि से भारत का तमिलनाडु राज्य सर्वाधिक सीमेंट उत्पादक राज्य है। विश्व में सर्वप्रथम 24 में इंग्लैंड के पोर्टलैंड नामक स्थान पर आधुनिक रूप से सीमेंट का निर्माण किया गया था।
भारत में सीमेंट कंपनियों की स्थापना
भारत में पहला सीमेंट कारखाना मद्रास में 1904 ई० में स्थापित किया गया।
1912 मैं इंडियन सीमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर कारखाने की स्थापना की गई जिससे अक्टूबर 1914 में उत्पादन शुरू हो गया।
भारत विश्व में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक देश है। वर्तमान में भारत में कुल मिलाकर 171 सीमेंट के कारखाने हैं। ए. सी. सी निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी है। सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी सीमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया है।
कागज उद्योग- सर्वप्रथम भारत में कागज बनाने का कारखाना 1832 इसी में श्रीरामपुर के पश्चिम बंगाल में स्थापित किया गया। भारत के प्रति व्यक्ति कागज की खपत विश्व के प्रति व्यक्ति औसत का पद से काफी कम है। भारतीय कागज उद्योग विश्व में 15 व स्थान पर है। वर्तमान में कागज मिलों की संख्या देश में 759 हो गई है। नेपानगर के मध्य प्रदेश में अखबारी कागज तथा होशंगाबाद में नोट छापने का भी कारखाना है। पश्चिम बंगाल भारत का सबसे बड़ा कागज उत्पादक राज्य है।


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