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Q. अनुच्छेद 33 ,34 एवं 35 की व्याख्या कीजिए यह भी बताइए कि सैन्य बलों के मौलिक अधिकार को सीमित किया जा सकता है या नहीं vinayiasacademy.com

  • अनुच्छेद 33 सैन्य बल एवं अर्धसैनिक बल में कार्यरत लोगों के लिए मूल अधिकारों के संबंध में है इसके द्वारा जो व्यक्ति अर्धसैनिक बल या सैन्य बल के रूप में कार्य कर रहे हैं उनके मूल अधिकार को समय-समय पर प्रतिबंधित किया जा सकता है
  • अनुच्छेद 33 के तहत ही मूल अधिकार को प्रतिबंधित करने के लिए संसद के द्वारा कानून का निर्माण किया जाएगा कभी भी इस मूल अधिकार को प्रतिबंधित करने के लिए विधानसभा द्वारा कानून नहीं बनाया जाएगा vinayiasacademy.com
  • अनुच्छेद 34 के द्वारा किसी भी क्षेत्र में अगर सैनिक अधिनियम लागू हो तो उस क्षेत्र के लिए मूल अधिकार को स्थगित किया जा सकता है उदाहरण के लिए भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में अफस्पा कानून लागू है आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट 1958
  • इस कानून के तहत सैनिकों को विशेष अधिकार दिया जाता है कि वह उस क्षेत्र में प्रवेश करने वाले लोगों की तलाशी ले या उस पर आवागमन में रोक लगा दिया जाए इसलिए इसका विरोध भी हो रहा है लेकिन किसी में उस क्षेत्र का विकास करने के लिए वहां आतंकवादी घटनाओं को रोकने के लिए ऐसे कानून बनाना जरूरी हो जाते हैं
  • ऐसे कानून का प्रयोग में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि मानवाधिकार आयोग का किसी भी प्रकार से उल्लंघन नहीं है
  • संविधान के अनुच्छेद 33 को संविधान के भाग 3 का अपवाद माना जाता है यानी कि इसके द्वारा संसद कानून बनाकर सेना के सदस्य के अधिकारों को एक निश्चित सीमा तक रोक सकती है या इसे निर्धारित करने का अधिकार देती है ऐसा सेना में अनुशासन एवं उनकी कार्यक्षमता को बनाए रखने के लिए किया गया है। इसी प्रकार अनुच्छेद 33 अनुच्छेद 13 के दो के प्रभाव से बाहर है जो मौलिक अधिकारों को कम करने अथवा इस का अपहरण करने से राज्य को रोक देता है 50 वां संविधान संशोधन 1984 के द्वारा अनुच्छेद 33 में संशोधन करके समस्त sainik बल के सदस्य लोक व्यवस्था के कार्य में लगे सदस्य इंटेलिजेंस से जुड़े व्यक्ति दूरसंचार से जुड़े व्यक्ति के सभी लोगों को इसके दायरे में लाया गया . इसके द्वारा मार्शल लॉ भी लगाया जाता है ऐसा कोई क्षेत्र जहां पर बहुत जरूरी है कानून व्यवस्था को रखने के लिए तो अनुच्छेद 34 के दायरे में ही सैनिक विधि का प्रयोग करके दंड आदेश देकर जब्ती का आदेश देकर के संसद क्षतिपूर्ति अधिनियम का निर्माण कर सकती है
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